Upang Lalita Panchmi katha: ललिता देवी ने भगवान शंकर को अपने हृदय में समा लिया था, पढ़ें कथा
punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 02:01 PM (IST)

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Upang Lalita Vrat 2025: शारदीय नवरात्रि के दौरान जब अश्विनी मास की पंचम तिथि आती है तो नवदुर्गा के साथ-साथ 10 महाविद्याओं में से एक माता ललिता त्रिपुर सुंदरी की भी पूजा होती है। पांचवें नवरात्रि पर स्कंदमाता की पूजा होती है लेकिन इस रोज उपांग ललिता देवी की पूजा से साधक को सुख-समृद्धि, संतति सुख और मनचाही कामनाओं की सिद्धि मिलती है। इसे विशेषकर नवरात्रि के दौरान देवी पूजा से जुड़े लोग अत्यंत शुभ मानते हैं।
उपांग ललिता व्रत करने से जीवन में सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। मां ललिता की कृपा से घर में धन, वैभव और शांति का वास होता है। स्त्रियों को सौभाग्य, संतान सुख और दाम्पत्य जीवन में आनंद की प्राप्ति होती है। यह व्रत साधक को आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति भी देता है।
Lalita panchami story: भगवान शंकर के क्रोध से जब कामदेव भस्म हो गए थे तो उनके राख से उत्पन्न हुए राक्षस का वध देवी ललिता त्रिपुर सुंदरी ने किया था। एक और मान्यता के अनुसार भगवान शंकर जब देवी सती के आधे जले शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे तो भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन से देवी के शरीर को भंग कर दिया। इसके उपरांत ललिता त्रिपुर सुंदरी ने भगवान शंकर को इस दुख से निकालने हेतु अपने हृदय में समा लिया था। तब से मां का नाम ललिता पड़ा। उपांग ललिता व्रत के दिन सच्चे हृदय से देवी का पूजन करने से मनचाहे वरदान की प्राप्ति होती है।