UAE Hindu Mandir: अबू धाबी में पहला हिंदू मंदिर तैयार, आम जनता के लिए आज से शुरू होंगे दर्शन
punjabkesari.in Sunday, Feb 18, 2024 - 08:36 AM (IST)
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UAE Hindu Mandir: अबू धाबी में बी.ए.पी.एस. हिंदू मंदिर मध्य-पूर्व में पहला पारम्परिक हिंदू मंदिर है। यह शानदार संरचना सांस्कृतिक सद्भाव और सहयोग की भावना का प्रतीक, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच स्थायी दोस्ती की प्रमाण है। मंदिर का उद्घाटन ‘सद्भाव के उत्सव’ के माध्यम से मनाया जाएगा, उत्थान और सामुदायिक कार्यक्रमों की एक शृंखला, जो विश्वास को मजबूत, सामुदायिक सेवा को संगठित करने और सभी पीढ़ियों और पृष्ठभूमि के लोगों के बीच प्रेरणादायक सद्भाव पर केंद्रित है।
‘सद्भाव के उत्सव’ में बुधवार 14 फरवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सम्मानित गण्यमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में मंदिर का भव्य उद्घाटन और लोकार्पण समारोह होगा। मंदिर 18 फरवरी आज जनता के लिए खुलेगा।
मंदिर का इतिहास परोपकारी, लोकहित रक्षक प्रमुख स्वामी महाराज की 1997 में संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के दौरान शुरू हुआ, जब उन्होंने अबू धाबी में एक मंदिर की कल्पना की जो देशों, संस्कृतियों और धर्मों को करीब लाएगा, विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों के बीच सद्भाव व समरसता को बढ़ावा देगा।
दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहब के पास यह मंदिर 108 फुट ऊंचाई, 262 फुट लंबाई और 180 फुट चौड़ाई में है। यह 27 एकड़ की साइट अबू मुरीखा जिले में स्थित है।
मंदिर में स्वामी नारायण, अक्षर-पुरुषोत्तम, राधा-कृष्ण, राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, पद्मावती-वेंकटेश्वर, जगन्नाथ और अयप्पा की मूर्तियां हैं। यह पश्चिम एशिया का सबसे बड़ा मंदिर है जिसमें 10,000 लोगों की क्षमता है। इसकी अन्य वास्तुशिल्प विशेषताओं में शामिल हैं दो घुमट (गुम्बद), सात शिखर (संयुक्त अरब अमीरात में सात अमीरात के प्रतीक), 12 समरन और 402 स्तम्भ। इसमें बलुआ पत्थर की इमारत की पृष्ठभूमि में संगमरमर की नक्काशी की गई है।
मंदिर भारत में कुशल कारीगरों द्वारा तराशे गए पत्थर के 25,000 से अधिक टुकड़ों से बना है। प्रत्येक शिखर के भीतर रामायण, शिव पुराण, भागवतम, महाभारत की कहानियों और जगन्नाथ, स्वामीनारायण, वेंकटेश्वर तथा अयप्पा के जीवन को चित्रित करने वाली नक्काशी है।
डोम ऑफ हार्मनी पांच प्राकृतिक तत्वों - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष को प्रदॢशत करता है। यहां घोड़ों और ऊंट जैसे जानवरों की नक्काशी भी है, जो संयुक्त अरब अमीरात का प्रतिनिधित्व करती है। घोड़े और ऊंट की प्रत्येक नक्काशी बिना दोहराव के उकेरी गई है।
यह परियोजना संयुक्त अरब अमीरात सरकार और उसके शासकों की दयालुता तथा उदारता के माध्यम से सम्भव हो सकी है। 2015 में, अबू धाबी के क्राऊन प्रिंस और संयुक्त अरब अमीरात सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान ने मंदिर के निर्माण के लिए 13.5 एकड़ जमीन दान की थी।
यू.ए.ई. सरकार ने अपने सहिष्णुता वर्ष के दौरान, जनवरी 2019 में 13.5 एकड़ अतिरिक्त भूमि आबंटित की, जिससे मंदिर के पास अब कुल 27 एकड़ भूमि है। ब्रह्मविहारी स्वामी, जो इस मंदिर परियोजना का प्रबंधन कर रहे हैं, ने कहा कि अबू धाबी में बी.ए.पी.एस. हिंदू मंदिर वैश्विक सद्भाव, अतीत की समृद्ध विरासत का उत्सव मनाने और भविष्य का मार्गदर्शन करने के लिए एक आध्यात्मिक द्वीप के रूप में उभरा है। यह मंदिर परम पूज्य महंत स्वामी महाराज की आध्यात्मिकता और संयुक्त अरब अमीरात तथा भारत दोनों के नेतृत्व और बी.ए.पी.एस. संगठन की उदारता, ईमानदारी और मित्रता का एक प्रमाण है।
विश्ववंदनीय संत महंत स्वामी महाराज नवनिर्मित बी.ए.पी.एस. हिंदू मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए अबू धाबी पहुंचे। इस ऐतिहासिक अवसर पर संयुक्त अरब अमीरात के सहिष्णुता मंत्री महामहिम शेख नाह्यान मुबारक अल नाह्यान ने अबू धाबी में राज अतिथि के रूप में उनका स्वागत गर्मजोशी से किया।
शेख नाह्यान ने पूज्य महंत स्वामी महाराज का स्वागत करते हुए कहा कि यू.ए.ई. आपकी उपस्थिति से पावन हुआ है। हम आपकी शुभकामनाओं से प्लावित हैं। हमें आपके आशीर्वाद की अनुभूति हो रही है। महंत स्वामी महाराज ने उनसे कहा कि आपका स्नेह और सम्मान हृदयस्पर्शी है। यू.ए.ई. के नेता महान और उदार दिल वाले हैं।