आज से आरंभ होंगे महालक्ष्मी व्रत, रूठी लक्ष्मी को घर ले आएगी ये पूजा

punjabkesari.in Friday, Sep 22, 2023 - 10:54 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mahalaxmi Vrat 2023: पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा से कम भी नहीं। कलयुग में यह बात 100% खरी है। जीवन की सबसे बड़ी समस्या है गरीबी यानि निर्धनता। पैसे की कमी के कारण व्यक्ति मान व प्रतिष्ठा से वंचित रहता है। ऋग्वेद में देवी लक्ष्मी को ‘श्री’ व भूमि प्रिय सखी कहा है। लक्ष्मी को चंचला भी कहते हैं अर्थात जो कभी एक स्थान पर रूकती नहीं। श्री का अर्थ है व्यक्ति की हैसियत या औकात। लक्ष्मी मात्र धन नहीं हैं अपितु व्यक्ति की हैसियत व औकात हैं। शब्द “लक्ष्मी” का अर्थ है लक्ष्य को साधना। शास्त्रों में वर्णित लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से गजलक्ष्मी स्वरूप को कलयुग में सर्वश्रेष्ठ माना गया है क्योंकि इससे गरीबी दूर होती है। इन्हीं देवी गजलक्ष्मी की साधना का महापर्व है 16 दिनों तक चलने वाला महालक्ष्मी व्रत है।

PunjabKesari Mahalaxmi Vrat 2020

ज्योतिष के पंचांग खंड अनुसार गजलक्ष्मी महापर्व अर्थात महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ आज 22 सितंबर, शुक्रवार भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से हो रहा है। इसका समापन आश्विन कृष्ण अष्टमी के दिन होगा। राधा अष्टमी से कालाष्टमी तक चलने वाला गजलक्ष्मी महापर्व सूर्य की स्थिति से संबंधित है। सूर्य का वार्षिक प्रारंभ मेष से होता है। अर्धवार्षिक काल में जब सूर्य सिंह को पार करता हुआ कन्या में आता है। इन्हीं 16 दिनों में महालक्ष्मी के गजलक्ष्मी स्वरूप की पूजा का विधान है। शास्त्रों में यथासंभव इस व्रत का आरंभ ज्येष्ठा नक्षत्र के चंद्र से करना चाहिए। इस व्रत में षोडश यानि 16 की संख्या की महत्वता है जैस 16 वर्षों हेतु, 16 दिन हेतु, 16 नर-नारियों हेतु, 16 पुष्प-फल 16 धागों व 16 गांठों का डोरक इत्यादि।

PunjabKesari Mahalaxmi Vrat 2020

पूजन विधि: शास्त्रनुसार इस व्रत में 16 दिनों तक हाथी पर विराजित लक्ष्मी की स्थापना प्रदोष में नीचे दिए गए संकल्प मंत्र लेकर करें। चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर केसर-चंदन से रंगे अक्षत से अष्टदल बनाकर कलश स्थापित कर मिट्टी से बने 2 हाथियों संग गजलक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें। गजलक्ष्मी की 16 उपायों से षोडशोपचार पूजा करें। गौघृत का दीप व सुगंधित धूप करें, रोली, चंदन, ताल, पत्र, दूर्वा, इत्र, सुपारी, नारियल व कमल पुष्प चढ़ाएं। नैवेद्य में गेहूं के आटे से बना मीठा रोट चढ़ाएं व 16 श्रृंगार चढ़ाएं। हल्दी से रंगे 16-16 सूत के 16 सगड़े बनाकर हर सगड़े पर 16 गांठे देकर गजलक्ष्मी पर चढ़ाएं। इस व्रत में 16 बोल की कथा 16 बार कहें व कमलगट्टे की माला से इस विशिष्ट मंत्र का 16 माला जाप करें। 

PunjabKesari Mahalaxmi Vrat 2020

संकल्प मंत्र: करिष्यsहं महालक्ष्मि व्रत में त्वत्परायणा। तदविध्नेन में यातु समप्तिं स्वत्प्रसादत:॥

PunjabKesari Mahalaxmi Vrat 2020
सोलह बोल की कथा: अमोती दमो तीरानी, पोला पर ऊचो सो परपाटन गांव जहां के राजा मगर सेन दमयंती रानी, कहे कहानी। सुनो हो महालक्ष्मी देवी रानी, हम से कहते तुम से सुनते सोलह बोल की कहानी॥

विशिष्ट मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं गजलक्ष्म्यै नमः॥

PunjabKesari Mahalaxmi Vrat 2020


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News