Kundli Tv- इस उपाय से दूर होगी पितृ दोष की पीड़ा

punjabkesari.in Thursday, Sep 27, 2018 - 10:48 AM (IST)

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पितरों को खुश करने के लिए अनेक उपाय हैं जिनके करने से मनुष्य के जीवन की कई परेशानियों का नाश हो जाता है। हमारे पितृ प्रसन्न हैं तो वे परिवार में आने वाली दुर्घटनाओं, मुसीबतों, अनहोनियों आदि को हम तक पहुंचने से पहले ही दूर कर देते हैं परन्तु यदि पितृ खुश नहीं हैं तो, जीवन में कुछ न कुछ छोटी-बड़ी परेशानियां लगी ही रहती हैं। 

सोमवती अमावस्या हो और साथ में सोमवार भी हो तो उस दिन ‘नमो भगवते वासुदेवाय’ के मंत्र का जप करने और पीपल के पेड़ की पूजा करने से पितर-दोष समाप्त होते हैं। 
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होली, दीपावली आदि जैसे त्यौहारों पर उनके नाम का दीपक जलाएं। बच्चों की शादी में भी पितरों को याद करें और बच्चों के जीवन में खुशियों के लिए प्रार्थना करें। एक शादी का कार्ड पितरों के नाम का भी निकालें तो विवाह आदि में किसी भी प्रकार की कोई बाधा नहीं आएगी पितृ प्रसन्न रहेंगे, आपको आशीर्वाद भी देंगे। 

‘गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र’ का पाठ किसी विद्वान पंडित से करवाकर हवन करवाने या स्वयं प्रतिदिन ‘गजेन्द्र मोक्ष स्तोत्र’ का पाठ करने से पितृदोष का निवारण होता है। पितरों को शान्ति मिलती है और कई बार तो वह पितर-योनी से मुक्त भी हो जाते हैं।
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जब भी मौसम बदले जैसे सर्दी आई तो किसी कर्मकांडी ब्राह्मण या मन्दिर के पुजारी को पितरों के नाम की रजाई, कम्बल आदि देना चाहिए, बरसात के मौसम में पितरों के नाम का छाता दान करना चाहिए। जैसा भी मौसम आए उसके अनुसार पितरों के नाम की चीजें दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं, उनको शांति की प्राप्ति होती है और पितृ दोष से मुक्ति भी मिलती है।  

प्रतिदिन सबसे पहले वाली एक रोटी पितरों के नाम की निकालनी चाहिए। 

पितृ-दोष से ग्रस्त व्यक्ति या परिवार को किसी भी अस्पताल में रुपए-पैसों का दान करना चाहिए या अस्पताल में भंडारा या खाने की सेवा देनी चाहिए, याद रहे खाने में खीर अवश्य हो।

अपने माता-पिता, दादा-दादी, बड़े भाई-भाभी, बड़ी बहन को मान-सम्मान और उनके चरणों को प्रतिदिन नमन करने से पितृदोष दूर होता है। प्रत्येक 6 मास में ब्राह्मणों को भोजन करवाने, 5 सफेद वस्त्र के साथ दक्षिणा देने से पितर-दोष का निवारण होता है।
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रोज शिवलिंग पर संध्या के समय देसी घी का दीपक लगाना चाहिए और एक माला महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से पितर-दोष समाप्त होता है। 

प्रतिदिन पीपल के पेड़ के नीचे रात्रि में सरसों के तेल का दीपक लगाने से पितर प्रसन्न होते है। 

पंचमुखी, सप्तमुखी या अष्टमुखी रूद्राक्ष के 108 मनकों की माला धारण करने से पितर-दोष समाप्त होता हैं। जितना हो सके धन का दान, वस्त्र का दान देना चाहिए और एक पीपल का पेड़ भी लगाना चाहिए।
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Niyati Bhandari

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