Kundli Tv- भगवान शंकर के इस महा चमत्कारी मंत्र जाप से परेशानियां होंगी दूर

punjabkesari.in Sunday, Nov 04, 2018 - 03:46 PM (IST)

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लगभग सभी लोग जानते ही हैं कि सोमवार का दिन शिव जी को खुश करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस दिन किए पूजन से भगवान शंकर प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सभी कष्टों का नाश कर देते हैं। तो अगर आप भी अपनी कठिनाईयों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हम आपको एेसे मंत्र के बापे में बताने जा रह हैं, जिनके जाप से आपकी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी। 
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ज्योतिष के अनुसार महामृत्युंजय मंत्र के जाप से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप में अपार शक्ति है। वैसे तो महादेव के सारे मंत्र महाशक्तिशाली हैं। इसके अचूक असर होते हैं। इन मंत्रों का जाप करने मात्र से व्यक्ति की सारी चिंताएं प्रभु स्वयं दूर करते हैं। लेकिन महामृत्युंजय मंत्र एक एेसा मंत्र है जिनका जाप करने वाला सफलता की सीढ़ी चढ़ता जाता है। इसलिए इसे शिव जी के महामृत्युंजय मंत्र को महामंत्र कहा जाता है। इसमें भगवान शिव के महामृत्युंजय रूप से लंबी आयु की प्रार्थना की जाती है। इस मंत्र को अलग-अलग तरह से प्रयोग में लाया सकता है।

मंत्र के जाप करने के नियम-
ध्यान रहे जब भी मंत्र जाप करें तो रुद्राक्ष की माला से करें, इससे दोगुना फल प्राप्त होता है। 

इसके साथ ही यह भी जान लें कि भगवान शिव के चित्र या शिवलिंग के सामने ही इस मंत्र का जाप करना चाहिए। लेकिन मंत्र जाप के पहले शिव जी को बेलपत्र और जल अर्पित करें। 

समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अचूक मंत्र-
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एकाक्षरी महामृत्युंजय मंत्र- 'हौं'।

इस मंत्र का जाप अच्छा स्वास्थ्य पाने के लिए किया जाता है। 

त्रयक्षरी महामृत्युंजय मंत्र- 'ऊं जूं स:' 
अगर कोई छोटी-मोटी बीमारियां से परेशान हो तो उसे इस मंत्र का जाप करना चाहिए प्रभावशाली होता है। 

रात में सोने के पहले कम से कम 27 बार जाप इस मंत्र का जाप करें। इससे आपको कोई भी बीमारी परेशान नहीं करेगी।
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चतुराक्षी महामृत्युंजय मंत्र- 'ऊं हौं जूं स:'
अगर सर्जरी या दुर्घटना जैसी संभावनाएं हो तो ये मंत्र लाभकारी होता है। इसके लिए  सुबह शिव जी को जल अर्पित करें और 3 माला मंत्र जाप करें। इससे हर दुर्घटना से बच सकेंगे।

दशाक्षरी महामृत्युंजय महामंत्र- 'ऊं जूं स: माम पालय पालय' 
इसे अमृत मृत्युंजय मंत्र कहते हैं। जिसके लिए इस मंत्र का जाप करना हो, उसका नाम इस मंत्र में प्रयोग ज़रूर करें। इसके साथ तांबे के बर्तन में जल भरकर उसके सामने इस मंत्र का जाप करें। फिर उस जल को उसे पिलाएं जिसे आयु या स्वास्थ्य की समस्या हो।

मृत संजीवनी महामंत्युंजय मंत्र-
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः

ॐ त्र्यम्‍बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
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उर्वारुकमिव बन्‍धनान्

मृत्‍योर्मुक्षीय मामृतात्

ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।।
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Jyoti

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