स्वस्तिक के ये उपाय करने से घर में सदैव बरकत व सकारात्मक ऊर्जा का होगा वास

punjabkesari.in Saturday, Jan 21, 2017 - 01:58 PM (IST)

स्वस्तिक अत्यंत प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में मंगल-प्रतीक माना जाता रहा है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले स्वस्तिक चिह्न अंकित करके उसका पूजन किया जाता है। गणेश पुराण के अनुसार स्वस्तिक भगवान गणेश का स्वरूप है। इसमें सभी बाधा अौर अमंगल को दूर करने की शक्ति निहित है। स्वस्तिक को देवी लक्ष्मी अर्थात श्री का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष में स्वस्तिक के कुछ अलग प्रयोग बताए गए हैं। जिन्हें करने से घर में सदैव बरकत अौर सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा। 
1.घर के बाहर कुमकुम, सिंदूर या रंगोली से बना स्वस्तिक शुभ होता है। इससे घर में देवी-देवताअों का आगमन होता है। 

 

2.सात गुरुवार तक उत्तर-पूर्वी कोने को गंगाजल से धोकर वहां पर हल्दी से स्वस्थिक बनाकर उसका पूजन करें। इसके बाद गुड़ का भोग लगाएं। इससे व्यापार में उन्नति होती है। 

 

3.स्वस्तिक बनाकर उसके ऊपर जिस देवी-देवता की प्रतिमा रखी जाए वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं। अपने इष्ट देव का पूजन करने वाले उस स्थान पर स्वस्तिक का चिन्ह अवश्य बनाएं। 

 

4.पूजा स्थल पर स्वस्तिक बनाकर उसके ऊपर पंच धान्य या दीपक प्रज्वलित रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है। 

 

5.मंदिर में मनोकामना पूर्ति हेतु गोबर या कुमकुम से उल्टा स्वस्तिक बनाया जाता है। जब मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो वहीं पर जाकर सीधा स्वस्तिक बनाया जाता है। 

 

6.अनिद्रा अौर बुरे स्वप्नों से छुटकारा पाने के लिए सोने से पूर्व घर के मंदिर पर इंडैक्स फिंगर से स्वस्तिक बनाएं।

 

7.घर में गोबर से स्वस्तिक बनाएं। इसे घर में शांति, शुभता अौर समृद्धि आती है। इसके साथ ही पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है। 

 

8.देहलीज के दोनों अोर स्वस्तिक बनाकर उसका पूजन करें। स्वस्तिक के ऊपर चावल की एक ढेरी बनाएं। उसके बाद एक-एक सुपारी पर कलवा बांधकर उसको चावल की ढेरी के ऊपर रखें। इससे धन लाभ की प्राप्ति होगी। 

 

9.उत्तर-पूर्व में उत्तर दिशा की दीवार पर हल्दी से स्वस्तिक बनाएं। ऐसा करने से घर में सदैव सुख-शांति का माहौल बना रहता है। 


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