Swami Vivekananda story: जानें, क्या है स्वामी विवेकानंद की नजर में शुभ-अशुभ का रहस्य

punjabkesari.in Wednesday, Aug 06, 2025 - 12:33 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Swami Vivekananda story: एक महिला स्वामी विवेकानंद के पास आई और बोली, “स्वामी जी, कुछ दिनों से मेरी आंख फड़क रही है। यह किसी अशुभ की निशानी है। कृपया मुझे कोई ऐसा तरीका बताएं जिससे कि अशुभ न हो।”

PunjabKesari Swami Vivekananda story

उसकी बात सुनकर स्वामी विवेकानंद बोले, “देवी मेरी नजर में तो शुभ-अशुभ कुछ भी नहीं होता। जब जीवन है, तो इसमें अच्छी और बुरी दोनों ही घटनाएं घटित होती हैं। लोग उन्हें ही अपने-अपने हिसाब से शुभ या अशुभ मान लेते हैं।”

यह सुनकर महिला बोली, “पर स्वामी जी, मैंने अपने पड़ोसियों के यहां देखा है कि उनके घर में हमेशा शुभ घटता है जबकि मेरे यहां आए दिन कुछ न कुछ अनहोनी होती रहती है।”

स्वामी विवेकानंद मुस्कुरा कर बोले, “देवी, शुभ और अशुभ भी सोच का ही परिणाम है। इस संसार में कोई भी ऐसी वस्तु नहीं है जिससे केवल शुभ या केवल अशुभ हो सकता है। साथ ही यह भी कि जो एक के लिए शुभ है वही दूसरे के लिए अशुभ हो सकता है। यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है।”

PunjabKesari Swami Vivekananda story

 “यह कैसे स्वामी जी, भला कोई शुभ घड़ी किसी के लिए अशुभ कैसे हो सकती है?”

स्वामी जी बोले, “देवी, मान लो एक कुम्हार ने बर्तन बनाकर सुखाने के लिए रखे हैं और वह तेज धूप की कामना कर रहा है। दूसरी ओर एक किसान वर्षा की कामना कर रहा है ताकि फसल अच्छी हो। ऐसे में धूप और वर्षा जहां एक के लिए शुभ है, वहीं दूसरे के लिए अशुभ। इसलिए व्यक्ति को शुभ-अशुभ की जगह केवल अपने नेक कर्मों पर ध्यान लगाना चाहिए। ऐसा करके वह अपने जीवन को सुचारू रूप से जी सकता है।”

स्वामी विवेकानंद की बात सुनकर महिला उनसे सहमत हो गई और बोली, “स्वामी जी आपका कहना बिल्कुल ठीक है। मैं आज से केवल अपने कर्म पर ही ध्यान दूंगी।” इसके बाद वह वहां से चली गई।

PunjabKesari Swami Vivekananda story


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Sarita Thapa

Related News