Swami Vivekananda Story: जब अमेरिका जाने के लिए स्वामी विवेकानंद को देनी पड़ी कठोर परीक्षा...
punjabkesari.in Saturday, Aug 03, 2024 - 12:24 PM (IST)
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Inspirational Story: रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु के बाद स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका जाने का निश्चय किया ताकि वहां जाकर वह लोगों को अपने गुरु का संदेश, धर्म का संदेश और शांति का संदेश दे सकें। इसके लिए उन्होंने मां शारदा देवी से अमेरिका जाने की आज्ञा मांगी। उनकी बात सुनकर मां शारदा देवी ने उन्हें गौर से देखा और गंभीर स्वर में कहा, “सोचकर बताती हूं।”
विवेकानंद को लगा, शायद अमेरिका जाने की अनुमति न मिले, नहीं तो आशीर्वाद देने के लिए क्या कभी किसी को सोचना भी पड़ता है! उस समय मां शारदा सब्जी बना रही थीं। उन्होंने विवेकानंद से कहा, “वहां पड़ा हुआ चाकू ले आओ।”
स्वामी विवेकानंद ने सामने पड़ा चाकू उठाया और मां शारदा देवी के हाथों में रख दिया। इस पर मां शारदा देवी का चेहरा खिल उठा।
उन्होंने तत्काल खुशी-खुशी स्वामी विवेकानंद को अमेरिका जाने की अनुमति दे दी। अब विस्मित होने की बारी स्वामी विवेकानंद की थी। उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्यों मां शारदा ने कहा सोचकर बताती हूं और फिर क्या सोचकर तत्काल इजाजत दे दी।
उन्होंने मां से पूछा, “मेरे चाकू देने और आपके आशीर्वाद देने में क्या संबंध है?”
मां शारदा देवी ने उनकी शंका का समाधान करते हुए कहा, “मैंने गौर किया कि तुमने चाकू का धार वाला हिस्सा खुद पकड़ा और मेरी ओर हत्थे वाला हिस्सा बढ़ाया।
अपने लिए खतरा उठाते हुए भी तुमने मेरी सुरक्षा की चिंता की। अपने इस आचरण से तुमने साबित कर दिया कि तुम कठिनाइयां स्वयं झेलते हो और दूसरों के भले की चिंता करते हो। इससे पता चलता है कि तुम सभी का कल्याण कर सकते हो।”
मनुष्य की मनुष्यता यही है कि वह अपने से ज्यादा दूसरों की भलाई की चिंता करे। स्वामी विवेकानंद मां शारदा के सामने नतमस्तक हुए और आशीर्वाद लेकर अमेरिका गए।