Swami vivekanand Story: इस कहानी से जानें, प्रेम, साहस और मानवता विवेकानंद की तीन अमूल्य शिक्षाएं

punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 06:37 AM (IST)

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Swami vivekanand Story: चीन में उन दिनों कुछ शहरों को छोड़कर शेष स्थानों पर विदेशियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। कभी भूल से कोई विदेशी वहां पहुंच जाता तो वहां के लोग मरने-मारने को उतारू हो जाते, उसकी जान संकट में पड़ जाती।

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एक बार स्वामी विवेकानंद चीन भ्रमण पर गए। उनकी किसी गांव के भ्रमण की इच्छा हुई। दो जर्मन पर्यटकों की भी इच्छा वहां का ग्रामीण जीवन देखने की थी, पर साहस के अभाव में उनकी जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी। उन्होंने यह बात स्वामी जी से कही तो स्वामी जी ने कहा, “सारी मनुष्य जाति एक है। हमें विश्वास है कि यदि हम सच्चे हृदय से वहां के लोगों से मिलने चलें, तो वे लोग हमें मारने की अपेक्षा प्रेम से ही मिलेंगे।”

वे जर्मन पर्यटकों को लेकर गांव की ओर चल पड़े। दुभाषिया इसके लिए तैयार नहीं हो रहा था, पर जब स्वामी जी नहीं रुके तो वह भी साथ चला तो गया पर अंत तक उसे यही डर बना रहा कि कहीं वे लोग उन्हें मारें नहीं।

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गांव वाले विदेशियों को देखकर लाठी लेकर मारने दौड़े। स्वामी विवेकानंद ने उनकी ओर स्नेहपूर्ण दृष्टि डालते हुए कहा, “क्या आप लोग अपने भाइयों से प्रेम नहीं करते?”

दुभाषिए ने यही प्रश्न उनकी भाषा में ग्रामीणों से पूछा तो वे बेचारे बड़े लज्जित हुए और लाठी फैंक कर स्वामी जी के स्वागत सत्कार में जुट गए। यह देखकर जर्मन बोले,“सच है, यदि आप जैसा निश्छल प्रेम सारे संसार के लोगों में हो जाए तो धरती पर कहीं भी कष्ट और कलह न रह जाए।”

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Content Editor

Sarita Thapa

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