इन मंत्रों के जाप से मिलेगी सूर्यदेव की कृपा

punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2019 - 05:45 PM (IST)

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्यदेव को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है और इसी कारण सूर्य की पूजा करने से कुंडली के सारे ग्रह दोष खत्म हो जाते हैं। कहते हैं कि सूर्य ग्रह को शांत करने का सबसे सरल उपाय है कि रोज सुबह उठकर सूर्यदेव को जल देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई ये छोटा से उपाय कर ले तो उसका भाग्य उदय हो जाता है और इसके साथ ही उसे मान-सम्मान मिलता है। आज हम आपको सूर्य की उपासना और उन्हें जल देते समय बोले जाने वाले कुछ मंत्रों के बारे में बताएंगे। जिन्हें अपनाकर आप भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
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पूजन विधिः
कहते हैं कि सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें व नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल भी डालें। साफ वस्त्र धारण करें।

इसके बाद सूर्यदेव के सामने आसन बिछाएं और आसन पर खड़े होकर तांबे के बर्तन में पवित्र जल भरें।

अब उसी जल में थोड़ी सी मिश्री भी मिलाएं। मान्यता है कि सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से जन्मकुंडली के मंगल दोष दूर होते हैं।

जब सूर्य से नारंगी किरणें निकल रही हों यानि सूर्योदय के समय दोनों हाथों से तांबे के लोटे से जल ऐसे चढ़ाएं कि सूर्य जल की धारा में दिखाई दे। जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र भी बोलना चाहिए।

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सूर्य अर्घ्य मंत्रः
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:।
अर्घ्य समर्पयामि।।
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सूर्य ध्यान मंत्रः
ध्येय सदा सविष्तृ मंडल मध्यवर्ती।
नारायण: सर सिंजासन सन्नि: विष्ठ:।।
केयूरवान्मकर कुण्डलवान किरीटी।
हारी हिरण्यमय वपुधृत शंख चक्र।।
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाधुतिम।
तमोहरि सर्वपापध्‍नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम।।
सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयते।


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