Surkanda Devi Temple: आस्था, इतिहास और चमत्कारों का संगम है मां सती का पहला शक्तिपीठ
punjabkesari.in Friday, May 30, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Surkanda Devi Temple: सनातन धर्म में सुरकुट पर्वत को आस्था का अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है। मान्यता है कि जब भगवान शिव उनके पार्थिव शरीर को लेकर ब्रह्मांड में विचरण कर रहे थे, तो यहीं पर माता सती का सिर गिरा था। जिसे सुरकंडा शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 9,995 फीट की ऊंचाई पर स्थित पहला शक्तिपीठ है। माना जाता है कि श्रद्धालु दूर-दूर से इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। तो आइए जानते हैं इस मंदिर की खास बातें-
इस मंदिर को लेकर खास मान्यताएं
यह स्थान केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा केंद्र भी है। कहा जाता है कि यहां देवताओं के राजा इंद्र ने भी तपस्या की थी ताकि उन्हें अपने कर्तव्यों को निभाने की शक्ति और मार्गदर्शन प्राप्त हो सके। इस पवित्र स्थान पर श्रद्धालु दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं। यहां की प्राकृतिक शांति और आध्यात्मिक वातावरण मन को शुद्ध करने का अनुभव कराते हैं।
यहां गिरा था माता सती का सिर
उत्तराखंड में स्थित देवी मां का यह मंदिर माता दुर्गा को समर्पित है। इस मंदिर में माता काली की मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर में दर्शन करने लोग दूर-दूर से आते है। यहां से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री की पहाड़ियों को भी देखा जा सकता है। इस मंदिर के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है और जीवन में आने वाली हर परेशानी दूर हो जाती है। माना जाता है की इस मंदिर में माता सती का सिर गिरा था, इसलिए पहला सिरकंडा था, जो बाद में सुरकंडा देवी मंदिर के नाम से प्रचलित हुआ।