Sri Ravidas Jayanti 2020: जानिए, गुरु रविदास जी के बारे में ये प्ररेक प्रसंग

punjabkesari.in Sunday, Feb 09, 2020 - 09:45 AM (IST)

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आज रविदास जयंती का पर्व पूरे देशभर में मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार ये खास दिन माघ महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है और इस बार ये दिन आज यानि 09 फरवरी  को मनाया जा रहा है। इस वर्ष उनका 643 वां जन्मदिवस है। बता दें कि संत रविदास जी का जन्म वाराणसी के पास के गांव में हुआ था। माना जाता है इनका जन्म लगभग सन 1450 में हुआ था। उनकी माता का नाम श्रीमति कलसा देवी और पिता का नाम श्रीसंतोख दास जी था। संत रविदास जी ने लोगों को बिना भेदभाव के आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी। चलिए आगे जानते हैं, उनसे जुड़ी कुछ रोचक जानकारी- 
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संत रविदास जयंती पर उनके अनुयायी पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। उसके बाद अपने गुरु के जीवन से जुड़ी महान घटनाओं को याद कर उनसे प्रेरणा लेते हैं। संत रविदास के जीवन के कई ऐसे प्रेरक प्रसंग है जिनसे हम सुखी जीवन के सूत्र सीख सकते हैं। ये दिन उनके अनुयाइयों के लिए वार्षिक उत्सव की तरह होता है। उनके जन्म स्थान पर लाखों भक्त पहुंचते हैं और वहां बड़ा कार्यक्रम होता है। जहां संत रविदास जी के दोहे गाए जाते हैं और भजन-किर्तन भी होता है।
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एक कथा के अनुसार रविदास जी अपने साथी के साथ खेल रहे थे। एक दिन खेलने के बाद अगले दिन वो साथी नहीं आता है तो रविदास जी उसे ढूंढ़ने चले जाते हैं, लेकिन उन्हे पता चलता है कि उसकी मृत्यु हो गई। ये देखकर रविदास जी बहुत दुखी होते हैं और अपने मित्र को बोलते हैं कि उठो ये समय सोने का नहीं है, मेरे साथ खेलो। इतना सुनकर उनका मृत साथी खड़ा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि संत रविदास जी को बचपन से ही आलौकिक शक्तियां प्राप्त थी। लेकिन जैसे-जैसे समय निकलता गया उन्होंने अपनी शक्ति भगवान राम और कृष्ण की भक्ति में लगाई। इस तरह धीरे-धीरे लोगों का भला करते हुए वो संत बन गए।


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