श्री गुरु नानक देव जी और विज्ञान

punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2019 - 10:31 AM (IST)

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कई बार पूछा गया आप विज्ञान के व्यक्ति हैं- आप ईश्वर की अवधारणा में कैसे विश्वास कर सकते हैं? मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से विपरीत है-एक सच्चा वैज्ञानिक जानता है कि कुछ भी अनियमित नहीं है और यूनिवर्स यानि ब्रह्मांड की जटिलता से पता चलता है कि कोई ऐसा व्यक्ति ज़रूर है, जिसने इस सबको काफी बारीकी से काम करते हुए निर्मित किया है, ठीक-एक मास्टर वैब डिजाइनर की तरह!
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गुरु नानक की शिक्षाएं विज्ञान से असहमत नहीं हैं। वास्तव में हम वैज्ञानिक अभी उन अवधारणाओं की खोज कर रहे हैं जो गुरु नानक सदियों पहले लिख गए थे। सिख गुरुओं ने हमें बहुत समय पहले धूम्रपान, ड्रग्स या शराब से परहेज करने के लिए कहा था। मेरे कार्डिक वैज्ञानिक सहकर्मियों ने सालों की कड़ी रिसर्च के बाद पुष्टि की है कि शराब पीने,धूम्रपान करने और दवाइयों का सेवन करने से शरीर पर काफी अधिक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। 

सिख मान्यताओं को किसी भी रूप में विज्ञान द्वारा अस्वीकृत नहीं किया गया है। वैज्ञानिक तथ्य गुरु नानक की शिक्षाओं का समर्थन करते हैं। श्री गुरु ग्रंथ साहिब (एस.जी.पी.सी.) के अनुसार, ''ग्रह, सौर मंडल और आकाशगंगाएं हैं। यदि कोई उनकी बात करता है, तो कोई सीमा नहीं है, कोई अंत नहीं है। एक ओंकार ने अनेकों दुनियाओं की रचना की है। जैसा कि वह अनुमति देता है, इसलिए वे मौजूद हैं। वह सब देखता है और सृजन पर विचार करता है, (जी.जी.एस.8)।" नानक कहते हैं कि  ''अरबों क्षेत्र और ग्रह हैं। अरबों चंद्रमा, सूर्य और तारें हैं (जी.जी.एस. 275)।"

उपरोक्त तथ्य इतना अकाट्य सत्य है क्योंकि वर्तमान विज्ञान इसकी पुष्टि करता है। गुरु नानक कहते हैं कि भगवान ने इस ब्रह्मांड को अरबों साल पहले बनाया था। इसके अलावा, यह पहली बार नहीं है जब ईश्वर ने इस ब्रह्मांड का निर्माण किया है, उन्होंने ऐसा कई बार किया है। जीवन न केवल पृथ्वी पर बल्कि कई अन्य ग्रहों से बाहर निकलता है (यह अभी भी विज्ञान द्वारा अपुष्ट है-उम्मीद है कि भविष्य में इनकी पुष्टि होगी)।
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वैज्ञानिकों ने पाया है कि अरबों आकाशगंगाएं हैं, प्रत्येक आकाशगंगा में अरबों तारे और लाखों ग्रह हैं जो उन सितारों के चारों ओर घूमते हैं जिनमें लाखों चंद्रमा उन ग्रहों  के चारों ओर घूमते हैं। हमारी आकाशगंगा (मिल्की वे) में लगभग 200 बिलियन तारे और लाखों ग्रह हैं जिनमें से कुछ ज्ञात हैं। ब्रह्मांड में हमारी तरह अरबों आकाशंगगाएं हैं और यह अभी आधुनिक विज्ञान द्वारा महसूस किया जा रहा है, जहां गुरु नानक जी ने इनकी खोज से बहुत पहले इसका उल्लेख किया था। 

वैज्ञानिक धीरे-धीरे ईश्वर की रचना को जानने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पूरी सृष्टि इतनी विशाल है कि वर्तमान में यह उससे परे है जिसे हम मनुष्य खोज सकते हैं। वैज्ञानिक ईश्वर की रचना का अध्ययन करते हैं और उनकी रचना के रहस्यों को समझने की कोशिश करते हैं। जितना अधिक वे सीखते हैं, उतना ही वे हैरान होते जाते हैं। 

जब तक मैं कार्डियो-वैस्कुलर सर्जन नहीं बन गया मैं पहले पूरी तरह से एक सख्त सोच वाला 'नास्तिक वैज्ञानिक' था इसलिए कई बार मैंने (और समान रूप से मेरे सहयोगियों ने) देखा है कि यद्यपि हम कई बार जटिल सर्जरीज करते हैं और हर बार एक ही प्रक्रिया को बारीकी से दोहराते हैं लेकिन सभी रोगियों में परिणाम अलग-अलग मिलते हैं या मिल सकते हैं। इस प्रकार  एक ऐसा मामला जो निराशाजनक रूप से, चमत्कारिक रूप से बदलता और ठीक हो जाता है। हमारे वर्तमान विज्ञान से परे कुछ ऐसा हस्तक्षेप है जो एकमात्र स्पष्टीकरण है जो हमारे सभी जटिल कम्प्यूटर एल्गोरिदम के साथ आ सकते हैं। विज्ञान ने काफी अधिक प्रगति की है लेकिन हमारा ज्ञान अभी भी महासागर में एक बूंद है। हम 100 पेजों के इंस्ट्रक्शन मैनुअल के पहले पेज पर ही हैं। जब हमारा ए.टी.जी.सी. डी.एन.ए. कोड धीरे-धीरे हमारे सामने आएगा, वैसे-वैसे हम आगे बढ़ेंगे (या यह अपने पहले से तय समयबद्ध कोर्स का पालन करेगा)?
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Jyoti

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