जप लें इनमें से कोई 1 भी मंत्र, दूर होगी हर समस्या

punjabkesari.in Wednesday, Jun 19, 2019 - 10:41 AM (IST)

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हिंदू धर्म में देवताओं को प्रसन्न करने के लिए पूजन आदि के साथ-साथ मंत्र जाप का विधान है। शास्त्रों के अनुसार इन मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि व्यक्ति की हर कामना सिद्ध हो जाती है। तो वहीं ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर इन मंत्रों का जाप पूरी श्रद्धा भावना से किया जाए तो जीवन में से हर तरह की बाधा का निवाराण हो जाता है। मगर बहुत से लोगों को ये नहीं पता रहता है कि किस कामना के लिए कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए। जिस कारण उन्हें शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आपको बताते हैं कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में जो आपको हर बड़ी से बड़ी बीमारी से कुछ ही देर में बाहर निकाल सकते हैं।

आप में से लगभग लोगों को गायत्री मंत्र का तो पता हो होगा लेकिन क्या आपको ये पता है कि हिंदू धर्म के कितने देवी-देवताओं को विभिन्न गायत्री मंत्र समर्पित है, जिनका अगर कामना अनुसार जाप किया जाए तो शुभ होता है। बता दें इन मंत्रों को प्रतिदिन एक हज़ार या फिर 108 की संख्या में तुलसी की माला से जपें, सुख, सौभाग्य, समृद्धि और ऎश्वर्य की प्राप्ति होगी।

गणेश गायत्री मंत्र-
विघ्नों का निवारण करने के लिए
।। ॐ एक दृष्टाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात्।।

नृसिंह गायत्री मंत्र-
पुरषार्थ एवं पराक्रम की वृद्धि के लिए
।। ॐ उग्रनृसिंहाय विद्महे वज्रनखाय धीमहि। तन्नो नृसिंह: प्रचोदयात्।।
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विष्णु गायत्री मंत्र-
पारिवारिक कलह की समाप्ति के लिए
।। ॐ नारायण विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्।।

शिव गायत्री मंत्र-
सभी तरह के कल्याण के लिए
।। ॐ पंचवक्त्राय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।।
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कृष्ण गायत्री मंत्र-
कर्म क्षेत्र की सफलता के लिए
।। ॐ देवकीनन्दनाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो कृष्ण: प्रचोदयात्।।

राधा गायत्री मंत्र-
प्रेम के अभाव को दूर करने के लिए
।। ॐ वृषभानुजायै विद्महे कृष्णप्रियायै धीमहि। तन्नो राधा प्रचोदयात्।।

लक्ष्मी गायत्री मंत्र-
पद प्रतिष्ठा,यश ऐश्वर्य और धन सम्पति के लिए
।। ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे विष्णुप्रियायै धीमहि । तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्।।
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अग्नि गायत्री मंत्र-
इंद्रियों की तेजस्विता बढ़ाने के लिए
।। ॐ महाज्वालाय विद्महे अग्निदेवाय धीमहि। तन्नो अग्नि: प्रचोदयात्।।

इन्द्र गायत्री:-
दुश्मनों के हमले से बचाव के लिए
।। ॐ सहस्त्रनेत्राय विद्महे वज्रहस्ताय धीमहि। तन्नो इन्द्र: प्रचोदयात्।।

दुर्गा गायत्री मंत्र-
शत्रु नाश और विघ्नों पर विजय के लिए-
।। ॐ गिरिजायै विद्महे शिवप्रियायै धीमहि। तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्।।
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हनुमान गायत्री:-
कर्म के प्रति निष्ठा की भावना जागृत करने के लिए-
।। ॐ अंजनी सुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो मारुति: प्रचोदयात्।।


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Jyoti

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