स्कंद षष्ठी: जानें, व्रत कथा और पूजन विधि
punjabkesari.in Saturday, Jan 12, 2019 - 03:08 PM (IST)
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हिंदू पंचांग के अनुसार 12 जनवरी 2019 को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती है। अगर शास्त्रों पर नज़र डालें तो उनमें इस दिन का कुछ अलग ही महत्व देखने पढ़ने को मिलता है। वैसे तो ये पर्व भारत के अलग-अलग हिस्सों में मनाया जाता है परंतु इस त्यौहार की अधिकतर धूम दक्षिण भारत में देखने को मिलती है। यहां भगवान कार्तिकेय को मुरुगन के वान से जाना जाता है, वो इसलिए क्योंकि इनका वाहन मोर है।
बहुत कम लोग जानते होंगे परंतु बाकी त्यौहारों की तरह इस त्यौहार का भी बहुत महत्व है। बता दें कि भगवान कार्तिकेय को युद्ध का राजा माना जाता है यही कारण था कि देवताओं ने इन्हें अपना सेनापति नियुक्त किया था। जैसे हिंदू धर्म के सभी त्योहार अच्छी की बुराई पर जीत का प्रतीक माने जाते हैं ठीक वैसे ही स्कंद पष्ठी भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि इनके आशीर्वाद से मान सम्मान, प्रतिष्ठा और विजय प्राप्त होती है।
इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। परंतु सबसे पहले इसमें स्कंद देव (कार्तिकेय) की स्थापना करके पूजा की जाती है और साथ ही अखंड दीपक जलाए जाते हैं। वहीं, भक्तों द्वारा स्कंद षष्ठी का पाठ किया जाता है। भगवान को स्नान कराया जाता है, उसके बाद नए वस्त्र पहनाए जाते हैं फिर विधिपूर्वक की पूजा कर भोग लगाया जाता है।
इस दिन कुछ कामों को करने की मनाही होती है। अगर इस दिन ये काम किए जाए तो इसका अंजाम बहुत बुरा भुगतना पड़ता है। जैसे कि हम सब जानते हैं कि पूजा की कई अलग-अलग विधियां होती हैं, इनकी पूजन विधि में भी कुछ खास नियम का अपनाया जाना बहुत आवश्यक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार ध्यान इस दिन भगवान क्रार्तिकेय की पूजा करने से पहले मांस, शराब, प्याज, लहसुन का त्याग कर देना चाहिए और साथ ही इसमें ये भी कहा गया है कि ब्रह्मचर्य का संयम रखना बहुत ज़रूरी होता है। ध्यान रहें कि किसी भी खास काम की सिद्धि के लिए इस समय कि गई पूजा-अर्चना सबसे ज्यादा फलदायी मानी जाती है।
स्कंद षष्ठी के दिन करें इन मंत्रों का जाप-
ज्योतिष की मानें को अगर इन मंत्रों के साथ भगवान की पूजा करना बहुत फलदायक होती है।
“ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात” “ॐ शारवाना-भावाया नम: ज्ञानशक्तिधरा स्कंदा वल्लीईकल्याणा सुंदरा, देवसेना मन: कांता कार्तिकेया नामोस्तुते”
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