50 वर्षों में पहली बार बैसाखी पर पाकिस्तान पहुंचे 6700 भारतीय सिख
punjabkesari.in Sunday, Apr 13, 2025 - 08:02 AM (IST)

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जालंधर (इंट): भारत से 6700 से अधिक सिख तीर्थयात्री बैसाखी उत्सव के लिए पाकिस्तान पहुंचे हैं। पाकिस्तान सरकार ने 50 वर्षों में पहली बार इतने अधिक भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा जारी किया। ये लोग बैसाखी के त्यौहार में शामिल होने और खालसा साजना दिवस मनाने गए हैं।
खालसा साजना दिवस, खालसा पंथ की स्थापना का दिन है, जो 14 अप्रैल को होता है। तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा जन्मस्थान, ननकाना साहिब में आयोजित समारोह में भाग लेने का अवसर मिलेगा। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि 50 सालों में पहली बार इतने ज्यादा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा दिया गया है। आमतौर पर जितने लोग जाते हैं, यह संख्या उससे दोगुनी से भी ज्यादा है। बैसाखी सिखों का नया साल है। इसी दिन 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
समझौते के तहत जा सकते हैं 3000 सिख तीर्थयात्रीयों
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) का कहना है कि कई सालों में यह पहली बार है कि किसी त्यौहार पर इतने ज्यादा तीर्थयात्री जा रहे हैं। इन तीर्थयात्रियों में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और 11 अन्य राज्यों के लोग शामिल हैं। एस.जी.पी.सी. और अन्य सिख संगठन 1972 के शिमला समझौते के तहत साल में 4 बार तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान भेजते हैं। गुरु नानक देव जी का जन्मदिवस (15 नवम्बर), बैसाखी, गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस (16 जून) और महाराजा रणजीत सिंह जी की पुण्यतिथि (27 जून) इन मौकों पर सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान जाते हैं।
पाकिस्तान-भारत धार्मिक प्रोटोकॉल समझौता 1974 के अनुसार किसी भी धार्मिक त्यौहार के लिए 3,000 सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान जाने की अनुमति है लेकिन पाकिस्तान ने धार्मिक मामलों के मंत्रालय और इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड के विशेष अनुरोध पर 3751 अतिरिक्त वीजा जारी किए। एस.जी.पी.सी. के सचिव प्रताप सिंह ने बताया कि तीर्थयात्रियों में 1942 लोग एस.जी.पी.सी. द्वारा समन्वित एक समूह से हैं। एस.जी.पी.सी. ने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग को 1942 पासपोर्ट जमा किए थे, जिन्होंने अब आवश्यक वीजा जारी कर दिए हैं। लंबे समय के बाद सभी वीजा अनुरोध स्वीकार किए गए हैं।