Shukra Pradosh Vrat: शुक्र प्रदोष पर करें भगवान शिव संग मां लक्ष्मी की पूजा, सुखी होगा जीवन

punjabkesari.in Thursday, Sep 04, 2025 - 11:57 AM (IST)

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Shukra Pradosh Vrat 2025: शुक्र प्रदोष व्रत एक विशेष व्रत है जो शुक्रवार के दिन आने वाले प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद का समय, लगभग 1.5 घंटे) में रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव जी और माता पार्वती को समर्पित होता है। शुक्र प्रदोष व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में सौहार्द, प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है। इस व्रत से सुख-समृद्धि और सौंदर्य की प्राप्ति होती है। दांपत्य जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और अविवाहितों को उत्तम जीवनसाथी प्राप्त होता है। यह व्रत शुक्र ग्रह के दोषों को शांत करने वाला माना गया है।

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सामान्यतः प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए किया जाता है लेकिन जब प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ता है, तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है और इस दिन मां लक्ष्मी की भी विशेष पूजा का महत्व होता है। शुक्रवार को स्वयं मां लक्ष्मी का दिन माना गया है। इस दिन शिव-पार्वती के साथ श्री लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने से दुगुना फल मिलता है। मान्यता है कि जो साधक इस दिन शिव-पार्वती के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके घर में धन-धान्य, सौभाग्य और शांति बनी रहती है। सतीतत्व और दांपत्य सुख हेतु मां लक्ष्मी के साथ श्री विष्णु जी का भी ध्यान करें।

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Shukra Pradosh Vrat Vidhi शुक्र प्रदोष व्रत विधि
सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
सामर्थ्य अनुसार दिन भर फलाहार या निर्जल उपवास रखें।
संध्या के समय घर या मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, गंगा जल अर्पित करें।
बेलपत्र, धतूरा, अक्षत और पुष्प चढ़ाएं।
दीपक जलाकर ओम नमः शिवाय मंत्र का जप करें।
व्रत कथा का श्रवण करें और अंत में आरती करें।
ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान-दक्षिणा, वस्त्र और भोजन दें।

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Maa Lakshmi Puja Vidhi मां लक्ष्मी पूजा विधि
प्रदोष काल में शिव-पार्वती की पूजा करने के बाद श्वेत पुष्प, सुगंधित धूप, घी का दीपक, दूध और मिठाई मां लक्ष्मी को अर्पित करें।
श्रीसूक्त या ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का जप करें।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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