Shukra Pradosh: लव लाइफ में चल रही है परेशानी, शुक्र प्रदोष की शाम शुभ मुहूर्त में करें ये काम

punjabkesari.in Wednesday, Sep 17, 2025 - 02:41 PM (IST)

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Shukra Pradosh 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत हर मास के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। जिस प्रदोष तिथि का दिन शुक्रवार को पड़ता है, उसे शुक्र प्रदोष कहा जाता है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने वाला माना गया है। मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत करने से जीवन में ऐश्वर्य, दांपत्य सुख और सौभाग्य प्राप्त होता है।

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Importance of Shukra Pradosh fast शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व
शुक्र ग्रह दांपत्य जीवन, प्रेम, आकर्षण, भौतिक सुख और समृद्धि के कारक माने जाते हैं। इस दिन शिवजी की आराधना करने से न केवल शुक्र दोष दूर होता है बल्कि वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और प्रेम बढ़ता है। अविवाहित स्त्रियां व पुरुष उत्तम जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करते हैं। दंपतियों के लिए यह व्रत रिश्ते में स्थिरता और मधुरता लाने वाला होता है। साथ ही आर्थिक उन्नति और पारिवारिक सुख-शांति भी मिलती है।

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Shukra Pradosh fast auspicious time शुक्र प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
18 सितंबर की रात 11 बजकर 24 मिनट पर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। 19 सितंबर की रात 11 बजकर 36 मिनट पर समापन होगा। प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा होगी। 19 सितंबर को आश्विन माह का पहला प्रदोष व्रत है।

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Shukra Pradosh Vrat Puja Vidhi शुक्र प्रदोष व्रत पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। दिन भर उपवास रखें तथा फलाहार या जल का सेवन करें। प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद से लगभग 2 घंटे तक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। शिवलिंग को पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल) से अभिषेक करें, बेलपत्र, धतूरा, चावल और पुष्प अर्पित करें। दीप जलाकर ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करें। शिव-पार्वती की आरती करके व्रत कथा पढ़ना भी फलदायी होता है।

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Special benefits of Shukra Pradosh fast शुक्र प्रदोष व्रत विशेष फल
शुक्र प्रदोष व्रत से प्रेम और दांपत्य जीवन में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं। लव लाइफ की परेशानियों का हमेशा के लिए नाश होता है। आर्थिक स्थिरता, पारिवारिक सौहार्द और सौंदर्य-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही यह व्रत मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति भी प्रदान करता है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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