गीता के ये उपदेश, जीवन के हर मोड़ पर आएंगे काम

punjabkesari.in Sunday, Jul 14, 2019 - 06:09 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
श्रीमद्भगवद्गीता में जितने भी उपदेश दिए गए हैं, वह आज के समय में भी हर किसी के काम आते हैं। कहते हैं उन उपदेशों में जीवन का हर सार छिपा हुआ है। इन वचनों में जीवन के हर अनुभव के बारे में विस्‍तार से बताया गया है। व्‍यक्ति के जन्‍म लेने से मृत्‍यु तक और उसके बाद के चक्र को श्रीमद्भगवद्गीता में विस्‍तार से बताया गया है। आज हम आपको उन्हीं में से कुछ उपदेशों के बारे में बताने जा रहे हैं।  
PunjabKesari, kundli tv, Shrimad Bhagavad, Gita updesh
गीता के उपदेश में बताया गया है कि जो व्‍यक्ति बिना वजह किसी पर संदेह करता है, वह कभी खुश नहीं रह सकता। संदेह करने पर रिश्‍तों में कड़वाहट पैदा होती है और दूरियां आती हैं। 

ऐसा बताया गया है कि वासना, गुस्‍सा और लालच- ये तीनों चीजें नरक के द्वार हैं। अगर आपको सुखी रहना है तो आपको इन तीनों चीजों से दूर रहना चाहिए। वरना आप मुश्किल में पड़ सकते हैं।
PunjabKesari, kundli tv, Shrimad Bhagavad, Gita updesh
कहा जाता है कि जो भी जीव जन्‍म लेता है उसकी मृत्‍यु भी निश्चित है। इसलिए जो चीज निश्वित है उसके लिए शोक या पछतावा किस बात का करना है। इसलिए कहते हैं कि किसी के भी मरने पर रोना नहीं चाहिए। 

गीता के सार में बताया गया है कि अगर कोई व्‍यक्ति बुद्धिमान है तो उसे समाज की भलाई के लिए भी काम करना चाहिए। ऐसे व्‍यक्ति को बिना किसी स्‍वार्थ के समाज के लिए भी योगदान देना चाहिए।
PunjabKesari, kundli tv, Shrimad Bhagavad, Gita updesh
गीता के उपदेशों में एक यह भी है कि जो व्‍यक्ति भगवान को याद करते हुए मृत्‍यु को प्राप्‍त होता है वह सीधा भगवान के धाम को प्राप्‍त होता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News