Shri Mahakaleshwar Mandir : नए साल पर महाकाल धाम में बदली व्यवस्था, भस्म आरती की ऑफलाइन बुकिंग भी बंद, ऐसे होंगे बाबा के दर्शन
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 08:03 AM (IST)
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Shri Mahakaleshwar Mandir : उज्जैन स्थित विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में नववर्ष के दौरान उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था में अस्थायी बदलाव किए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विशेष इंतजाम लागू किए गए हैं।
मंदिर प्रशासन के अनुसार 31 दिसंबर को भस्म आरती के लिए ऑफलाइन पंजीकरण पूरी तरह बंद रहेगा। इसके अलावा 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक भस्म आरती सहित अन्य दर्शन के लिए ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली को भी अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। इस अवधि में देश और विदेश से आने वाले भक्तों को कार्तिकेय मंडपम से चलायमान दर्शन की सुविधा दी जाएगी, ताकि बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना किसी अव्यवस्था के बाबा महाकाल के दर्शन कर सकें।
जिला कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने बताया कि नए साल के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं के उज्जैन पहुंचने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने दर्शन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 31 दिसंबर को भस्म आरती का ऑफलाइन पंजीकरण नहीं किया जाएगा। वहीं, 1 जनवरी को भक्तों को कार्तिकेय मंडपम से चलायमान दर्शन कराए जाएंगे। इस दौरान चलायमान भस्म आरती दर्शन सुबह 4:15 बजे से शुरू होंगे, और भस्म आरती संपन्न होने के बाद सामान्य दर्शन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
दर्शन मार्ग में भी बदलाव
सामान्य दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को चारधाम मंदिर से शक्तिपथ होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय द्वार के रास्ते महाकाल लोक से मंदिर में प्रवेश कराया जाएगा। दर्शन के बाद श्रद्धालु आपातकालीन निकास द्वार से बाहर निकलकर बड़ा गणेश मंदिर और हरसिद्धि चौराहे होते हुए पुनः चारधाम मंदिर पहुंच सकेंगे।
10 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
नववर्ष के मौके पर लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के महाकाल मंदिर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने दर्शन, भस्म आरती, प्रसाद वितरण, सहायता केंद्र, पार्किंग, जूता स्टैंड समेत अन्य व्यवस्थाओं को लेकर व्यापक तैयारी की है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
