अयोध्या नगरी फूलबाग मैदान में 11 से 16 नवंबर तक श्री जिनबिम्ब चौबीसी तीर्थंकर पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन

punjabkesari.in Monday, Nov 10, 2025 - 11:20 AM (IST)

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Shri Jinbimb 24 Tirthankars Panchkalyan Mahotsav: ग्वालियर की पवित्र भूमि इस बार धर्म, संस्कृति और भक्ति के रंग में रंगने जा रही है। 11 से 16 नवंबर तक अयोध्या नगरी फूलबाग मैदान में पहली बार आयोजित होने जा रहा है श्री जिनबिम्ब चौबीसी तीर्थंकर पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव, विश्वशांति महायज्ञ एवं गजरथ महोत्सव। यह भव्य आयोजन आचार्य श्री सुबल सागर महाराज एवं मुनिराजों के मंगल सानिध्य में तथा प्रतिष्ठाचार्य आशीष भैया भोपाल के निर्देशन में संपन्न होगा।

पांच दिवसीय भक्ति पर्व- पत्थर से भगवान बनने की पवित्र प्रक्रिया
आचार्य श्री सुबल सागर महाराज ने बताया कि पंचकल्याणक महोत्सव कोई साधारण अनुष्ठान नहीं, बल्कि वह विधि है जिसके माध्यम से पत्थर भगवान बनता है। तीर्थंकर के जीवन की पांच दिव्य घटनाएं- गर्भ, जन्म, वैराग्य, केवलज्ञान और मोक्ष- इन्हीं का प्रतीक यह पंचकल्याणक है।

महाराज श्री के शब्दों में- “यह पंचकल्याणक पत्थर (पाषाण) को भगवान बनाने की विधि है। पहले यह मूर्तियां निर्जीव होती हैं, लेकिन अनुष्ठान के बाद उनमें जीवन और चेतना की प्रतिष्ठा होती है। तभी उन्हें मंदिरों में विराजमान कर पूजा योग्य माना जाता है।”

इन पांचों कल्याणकों के माध्यम से साधक यह सीखता है कि जीवन का उद्देश्य केवल भोग नहीं, बल्कि आत्मज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति है।

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भव्य कलश शोभायात्रा से होगा शुभारंभ- पूरा शहर होगा भक्तिमय
11 नवंबर, मंगलवार की सुबह 8 बजे नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला से मंगल कलश शोभायात्रा निकलेगी।
इस भव्य यात्रा में महिलाएं केसरिया साड़ियों में सिर पर मंगल कलश लेकर चलेंगी, जबकि पुरुष सफेद परिधान और टोपी धारण करेंगे। यात्रा में आगे-आगे जैन ध्वजा लेकर सौधर्म इंद्र हाथी पर सवार होंगे, उनके पीछे बग्गियों में 24 माता-पिता, 24 सौधर्म इंद्र, 24 धनकुबेर सहित इंद्र-इंद्राणियां चलेंगी। डीजे, बैंड, ढोल-ताशों के साथ तीन रथों में भगवान जिनेंद्र की प्रतिमाएं विराजमान होंगी।

शोभायात्रा का मार्ग 
नई सड़क, गस्त का ताजिया, राम मंदिर, फालक बाजार, शिदे की छावनी, अयोध्या नगरी फूलबाग मैदान रहेगा। जहां ध्वजारोहण और आरती के साथ पंचकल्याणक का शुभारंभ होगा। मार्गभर जैन समाज के श्रद्धालु पुष्पवर्षा और आरती से शोभायात्रा का स्वागत करेंगे।

छह दिवसीय कार्यक्रम- हर दिन का अपना महत्व
यह महोत्सव छह दिनों तक चलेगा, जिसमें हर दिन तीर्थंकर के जीवन की एक दिव्य घटना को जीवंत किया जाएगा।

11 नवंबर – गर्भ कल्याणक
मंगल कलश शोभायात्रा, जैन ध्वजरोहण और शाम को गर्भ कल्याणक की विधि संपन्न होगी।

12 नवंबर – गर्भ क्रिया एवं 16 स्वप्न फल दर्शन
अभिषेक, शांतिधारा, प्रवचन के बाद शाम को माता मारुदेवी के 16 स्वप्न और 56 कुमारियों की भेंट का विशेष कार्यक्रम होगा।

13 नवंबर – जन्म कल्याणक
इस दिन भगवान के बालरूप के जन्म की खुशी में ऐरावत हाथी पर सवार शोभायात्रा निकलेगी।
सुमेरु पर्वत पर 1008 कलशों से जन्माभिषेक किया जाएगा और शाम को भगवान का पालन झुलाने का समारोह

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अंकुर जैन


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Content Editor

Sarita Thapa

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