आईए मिलें धरती के श्रेष्ठ फरिश्ते से, जो कर सकता है आपकी हर समस्या दूर

punjabkesari.in Wednesday, Dec 29, 2021 - 03:59 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Short Story on Mother and Child: इस संसार में मां की तुलना किसी अन्य से नहीं की जा सकती। शास्त्रों में मां को देवता समान पूज्य बताया गया है। असहनीय कष्ट के उपरांत मां शिशु को जन्म देती है और एक बालक जब जन्म लेता है तो उसकी मां ही उसका संसार होती है।

PunjabKesari Short Story on Mother and Child

एक समय की बात है कि एक बच्चे का जन्म होने वाला था। जन्म से कुछ क्षण पहले उसने भगवान से पूछा, ‘‘मैं इतना छोटा हूं, स्वयं से कुछ भी कर भी नहीं पाता। भला धरती पर कैसे रहूंगा?’’

तब भगवान बोले, ‘‘मेरे पास बहुत से फरिश्ते हैं। उनमें से मैं तुम्हें एक श्रेष्ठ फरिश्ता दे रहा हूं।’’

बच्चा बोला, ‘‘मैं उनसे अपनी बात कैसे कहूंगा?’’

भगवान बोले, ‘‘जब तुम कुछ कहना चाहोगे तो वह फरिश्ता समझ जाएगा। वह फरिश्ता तुमसे मधुर व प्यार भरे शब्दों में बात करेगा और तुम्हें मेरी बातें सुनाएगा।’’

बच्चा, ‘‘मैंने सुना है पृथ्वी पर बहुत बुरे लोग हैं तो उनसे मुझे कौन बचाएगा?’’

फिर भगवान बोले, ‘‘वह फरिश्ता बचाएगा भले ही उसकी अपनी जान खतरे में क्यों न आ जाए।’’

PunjabKesari Short Story on Mother and Child

अब बच्चे के जन्म का समय हो गया। उसने जाते समय भगवान से प्रार्थना की कि हे ईश्वर अब तो मैं जा रहा हूं। कृपया मुझे उस फरिश्ते का नाम बता दीजिए। भगवान बोले, फरिश्ते के नाम का कोई महत्व नहीं, बस इतना जानो कि तुम उसे ‘मां’ कह कर पुकारोगे।

सच, भगवान का दूसरा नाम है मां। हर जगह तो भगवान का जाना संभव नहीं इसलिए उन्होंने मां को बना दिया। असहनीय कष्ट के उपरांत मां बच्चे को जन्म देती है और व्यक्तिगत स्वार्थों को त्याग कर अपने कष्टों को भुलाकर वह बच्चे का पालन-पोषण करती है।

बच्चा चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए, मां के लिए तो सदैव बच्चा ही रहता है। वास्तव में मां की आंतरिक शक्ति अतुलनीय है, बेअंत है :

ऊपर जिसका अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं, इस जहां में जिसका अंत नहीं उसे मां कहते हैं।

PunjabKesari Short Story on Mother and Child


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News