Shivneri Fort: शिवाजी की शान का प्रतीक शिवनेरी किला, आसपास के ये मंदिर बढ़ाते हैं इस जगह की शोभा

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2024 - 10:59 AM (IST)

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Shivneri Fort: अगर आप किला घूमने के साथ ही उसके इतिहास को देखना और समझना चाहते हैं तो महाराष्ट्र में इनकी कोई कमी नहीं। बेशक इनमें से बहुत सारे किले अब जर्जर हो चुके हैं लेकिन कई किले ऐसे भी हैं जिनकी खूबसूरती आज भी बरकरार है।

इन्हीं में से एक है शिवनेरी किला। पहाड़ी पर बना ये किला महाराष्ट्र राज्य के पुणे में जुन्नर गांव के पास है। जुन्नर के आस-पास पहाड़ों में लगभग 100 गुफाएं हैं।

छत्रपति शिवाजी से जुड़ा इतिहास
महाराष्ट्र के महाआराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (तिथि के अनुसार) पूरे राज्य में धूमधाम से मनाई जाती है। इस अवसर पर शिवनेरी किले के बारे में बताया जाता है जो वास्तुकला की शैली तथा महाराज के जन्म स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। छत्रपति शिवजी महाराज के जन्म के समय उनके पिता शाहजी भोंसले ने अपनी पत्नी जीजाबाई की सुरक्षा के लिए इस किले को बनवाया था। सन् 1630 में छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म यहां हुआ। छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्म के बाद लगभग 10 साल तक शिवाजी का पालन-पोषण यहीं शिवनेरी किले में हुआ था।

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करना पड़ता है 7 फाटकों को पार
उन्होंने सैन्य प्रशिक्षण भी यहीं प्राप्त किया। मुख्य किले में प्रवेश करने से पहले 7 फाटकों को पार करने के विचार से पर्यटक अचंभित हो जाते हैं। किले के परिसर में पानी का एक छोटा तालाब भी है जिसे ‘बादामी तालाब’ भी कहा जाता है। यह तालाब किले के एकदम केंद्र में स्थित है। किले के पास ही एक मंदिर है। मंदिर के अंदर जीजाबाई और शिवाजी के बचपन की मूर्तियां बनी हुई हैं। साथ ही शिवाजी का नाम ‘देवी शिवाई’ के नाम पर रखा गया था, जिनका मंदिर भी किले के अंदर ही बना हुआ है। मंदिर में पीने के लिए पानी के दो स्रोत हैं जिसे गंगा-यमुना कहा जाता है। इस किले से जमीन को 360 डिग्री तक आराम से देखा जा सकता है। सैनिक यहां से दुश्मनों के आक्रमण का जायजा लेते थे।

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आसपास घूमने वाली जगहें
जुन्नर गुफाएं : महाराष्ट्र के सम्भा जी नगर जिले में स्थित जुन्नर गुफाएं एक प्रमुख आकर्षक पर्यटन स्थल हैं। लगभग दूसरी और तीसरी शताब्दी से मिली ये गुफाएं पुरातत्वविदों और इतिहास प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध स्थान है जो विभिन्न गुफाओं, मूर्तियों और छवियों का पता लगाने के लिए यहां आते हैं। जुन्नर गुफाओं को जिन तीन प्रमुख भागों में बांटा गया है वे हैं मनमोदी हिल समूह, गणेश लेना समूह और तुलजा लेना समूह। मनमोदी हिल समूह पहाड़ी पर स्थित है जो अपने वास्तुकला के कार्य और डिजाइन के लिए प्रसिद्ध है जबकि तुलजा लेना समूह अपने चैत्य हाल के लिए प्रसिद्ध है जिसकी छत गोलाकार डोम के आकार की बहुत ही खूबसूरत है।

गणेश लेना समूह जुन्नर से दक्षिण की ओर लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर है और अनेक विहारों और कक्षों से मिल कर बना है। छठवीं चैत्य गुफा और गणेश लेना गुफा अधिक प्रसिद्ध हैं। यहां घूमने आने के लिए मूर्तियां  का मौसम यानी सितम्बर से मार्च तक का समय ही सबसे अच्छा होता है। उस दौरान आप आराम से पूरे किले की सैर कर सकते हैं। गर्मियों में बढ़ते तापमान की वजह से घूमना मुश्किल होता है। ट्रैकिंग के लिए भी ये जगह टूरिस्टों के बीच काफी मशहूर है लेकिन मानसून में यहां आने से परहेज करें क्योंकि उस दौरान पहाड़ों पर बहुत ज्यादा फिसलन होती है।

गणेश जी का मंदिर : यहां अष्टविनायक का मंदिर है तो यहां आकर इस मंदिर के दर्शन जरूर करें।

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कुकदेश्वर मंदिर : शिवनेरी से आधे घंटे की ड्राइव करके आप इस मंदिर में पहुंच सकते हैं। कुकड़ी नदी के  किनारे 12वीं सदी में बने इस मंदिर में बहुत-सी खूबसूरत कलाकृतियां देखने को मिलती हैं।

वाइन डिस्ट्रिक्स की सैर: नासिक को महाराष्ट्र का वाइन डिस्ट्रिक्ट कहा जाता है। यहां आप अलग-अलग वैरायटी की वाइन को बनते हुए देख सकते हैं।

मालशेज घाट : शिवनेरी के अलावा आसपास घूमने वाली जगहों में शामिल है मालशेज घाट। जहां का नजारा और मौसम वीकेंड एन्जॉयमैंट के लिए परफैक्ट है।
ऐसे पहुंचें

हवाई मार्ग : अगर आप हवाई मार्ग से यहां जाने की सोच रहे हैं तो पुणे यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है जहां से आप आसानी से शिवनेरी तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग : पुणे रेलवे स्टेशन यहां पर पहुंचने का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। जहां से बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध रहती है।

सड़क मार्ग : लगभग सभी बड़े शहरों से पुणे तक के लिए बसें चलती हैं। इसके बाद शिवनेरी पहुंचने के लिए आपको टैक्सी या ऑटो लेना पड़ता है।
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Content Editor

Prachi Sharma

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