Shardiya Navratri 2020: द्वितीय रूप मैया ब्रह्मचारिणी देती मां भक्तों को आशीष
punjabkesari.in Sunday, Oct 18, 2020 - 10:50 AM (IST)
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17 अक्टूबर से यानि शनिवार से इस साल के शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं। इस त्यौहार का हर्षोल्लास ना केवल देश में बल्कि अन्य देशों में भी देखने को मिलता है। मान्यता है कि देवी दुर्गा को समर्पित यह पर्व इन के विभिन्न रूपों की आराधना के लिए उत्तम होता है। आज साल 2020 के शारदीय नवरात्रों का दूसरी दिन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी दुर्गा के दूसरे रूप की ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा करने का विधान है। तो आज नवरात्रि के दूसरे दिन के अवसर पर हम आपको बताएंगे इनकी एक ऐसी स्तुति के बारे में जिसमें इनके रूप से लेकर अन्य बातें भी वर्णन हैं। बता दें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसी स्तुति के माध्यम से देवी ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
द्वितीय रूप मैया ब्रह्मचारिणी-
देती मां भक्तों को आशीष
मैया जी भक्तों की पुकार सुनो,
भक्तों ने दिल से आवाज लगाई है।
तेरी ठंडी शीतल छाया मैया जी,
चंदा-किरणों सी तुम्हारी परछाईं है।।
अद्वितीय रूप मां तेरा ब्रह्मचारिणी,
की तपस्या हजारों वर्ष निराहार।
बूंद जल की भी न की ग्रहण,
देवताओं, ऋषि-मुनियों का मिला प्यार।।
एक हाथ में अलौकिक कमंडल,
दूजे में की माला।
सच्चे भक्तों ने जो कुछ तुझसे मांगा,
पलभर में उनकी झोली में डाला।।
होता मन-मुग्ध तेरी सादगी पर,
तेरे दर से रहमत ही रहमत पाई है।
करे आरती तेरी महिमा गाए,
जो आराधक निष्ठा, विश्वास लगन से।
भागें सब दुख दूर दरिद्रता सारी,
खिल उठे मन महके हुए उपवन से।।
जो कथा तुम्हारी औरों को सुनाता,
पाप-संताप हर इक गम हरती।
फूल बिछ जाएं उसकी राहों में,
हर विपदा, संकट से मिल जाए मुक्ति।।
पावन मन से तुझे शीश नवाएं,
खुशहाली तेरे दर से सदा ही पाई है।।
जगजननी, अंबिका, अन्नपूर्णा मैया,
भटके हुए इस जग का उद्धार करो।
नाश करो अज्ञानता, अंधकार का,
मां जन-जन का बेड़ा भवपार करो।।
कवि ‘झिलमिल’ अंबालवी,
करें तेरी आरती, दीजिए सुखों का वरदान।
तेरी महिमा तेरी लीला अपरम्पार है,
लबों पर हमारे हो तेरा ही गुणगान।।
सच्चे मन से की फरियाद मां जिसने,
तूने जन्नत की सैर उन्हें कराई है।।
मैया जी भक्तों की.....तुम्हारी परछाईं है।।
—अशोक अरोड़ा ‘झिलमिल’