Shardiya Navratri: हर तरह के ग्रह दोषों से मुक्ति पाने के लिए 9 दिनों तक करें नवदुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा

punjabkesari.in Sunday, Oct 15, 2023 - 10:02 AM (IST)

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Shardiya Navratri: नवरात्रि में मां भगवती के नवदुर्गा स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में प्रत्येक दिन देवी के एक अलग स्वरूप की आराधना होती है। भक्तजन उन्हें प्रसन्न कर अपने समस्त कष्टों को हरने एवं ऐश्वर्य, सिद्धी तथा सौभाग्य देने की प्रार्थना करते हैं। आइए जानते हैं, इन नवदुर्गा स्वरूपों के बारे में...

मांं शैलपुत्री
इन्हें नवदुर्गाओं में प्रथम स्वरूप माना गया है। हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। नवरात्रि के प्रथम दिन इनकी पूजा से जन्मकुंडली में मौजूद चंद्र दोष नष्ट होता है।

मांं ब्रह्मचारिणी
द्वितीय नवरात्रि के दिन मांं ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है। भगवान शिव को वर रूप में पाने के लिए इसी रूप में मांं पार्वती ने तप किया था। यह मंगल ग्रह के समस्त दोषों का नाश करती हैं।

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मांं चंद्रघंटा
इनके ललाट पर अर्ध चंद्र विराजमान है, अतः इनका नाम चंद्रघंटा प्रसिद्ध हुआ। नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा होती है। इनकी कृपा से शुक्र ग्रह दोष नाश होता है।

मांं कूष्मांडा
ब्रह्मांड को जन्म देने के कारण इन्हें कूष्मांडा कहा गया है। नवरात्रि के चौथे दिन इनकी पूजा कर भक्त रोग और शोक से मुक्त होते हैं। मां कूष्मांडा की कृपा से सूर्य ग्रह संबंधित समस्त दोष खत्म होते हैं।

मांं स्कंदमाता
भगवान कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है। पंचम नवरात्रि के दिन इनकी आराधना की जाती है। इनकी आराधना बुध ग्रह से जुड़े दोष दूर करती है।

मांं कात्यायनी
महर्षि कात्यायन की पुत्री होने के कारण भगवती को कात्यायनी भी कहा जाता है। नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा होती है। इनकी पूजा से गुरु ग्रह जनित दोष नष्ट होते हैं।

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मांं कालरात्रि
यह काल का भी विनाश कर देने वाली हैं, अत: इनका एक नाम कालरात्रि भी है। नवरात्रि के सातवें दिन इनकी आराधना से व्यक्ति समस्त कष्टों से मुक्त होता है। यह शत्रुओं पर विजय का वर देती हैं एवं शनि दोष दूर करती हैं।

मांं महागौरी
इनका वर्ण गौर होने के कारण इन्हें महागौरी कहा गया है। नवरात्रि के आठवें दिन इनकी पूजा की जाती है। यह असंभव को भी संभव कर देती हैं। यह राहु ग्रह से संबंधित दोषों का नाश करती हैं।

मांं सिद्धिदात्री
नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। समस्त सिद्धियों को प्रदान करने की सामर्थ्य होने के कारण इन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है। इनकी कृपा से केतु ग्रह जनित दोष समाप्त होते हैं।

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आचार्य हिमानी शास्त्री
ज्योतिष एवं वैदिक देवस्थापति
dr.himanij@gmail.com


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Content Writer

Niyati Bhandari

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