Shani Transit 2020: शनिदेव से जुड़ी ये खास बातें, नहीं जानते होंगे आप

punjabkesari.in Thursday, Jan 23, 2020 - 12:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कल यानि 24 जनवरी को शनि अपना राशि परिवर्तन कर रहे हैं और मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि को न्यायाधीश माना गया है। शनि अच्छे कर्म करने वालों के अच्छा परिणाम और बुरे कर्म करने वालों को अशुभ फल देते हैं। आज हम आपको इस मौके पर शनिदेव से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।
PunjabKesari
काले हैं शनिदेव
अक्सर सबने देखा ही है कि शनिदेव का रंग काला है, इसके पीछे एक बहुत बड़ा प्रसंग है आइए जानते हैं। शनिदेव के पिता का नाम सूर्यदेव और माता का नाम छाया है। छाया भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थीं। माता छाया शिवजी की तपस्या में इतनी लीन रहती थीं कि उनको गर्भ में पल रहें शनि की चिंता नहीं रहती। इस कारण से न तो वह खुद अपना और न ही गर्भ में पल रहे अपने बच्चे का ध्यान रख पाती। जिसके कारण से शनिदेव काले और कुपोषित पैदा हुए।
Follow us on Twitter

बच्चों पर नहीं पड़ती शनि छाया
कहेत हैं कि 12 साल तक के बच्चों पर शनि का प्रकोप कभी नहीं रहता है। इसके पीछे पिप्पलाद और शनि के बीच हुए युद्ध का प्रसंग है। पिप्पलाद ने युद्ध में शनि को परास्त कर दिया और इस शर्त पर छोड़ा कि वे 12 वर्ष तक की आयु के बच्चों को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं देंगे। तब से शनिदेव बच्चों पर अपनी छाया नहीं डालते हैं।
PunjabKesari
शनिदेव लंगड़े 
भगवान शनि के धीमी चाल और लंगड़ा कर चलने के पीछे पिप्पलाद मुनि के कोप का ही कारण है। पिप्लाद मुनि अपने पिता की मृत्यु का कारण शनिदेव को मानते थे। पिप्पलाद मुनि ने शनि पर ब्रह्रादण्ड से प्रहार किया। शनि यह प्रहार सहन करने में असमर्थ थे। जिस कारण से शनि तीनों लोकों में दौड़ने लगे। इसके बाद ब्रह्रादण्ड ने उन्हें लंगड़ा कर दिया। 
PunjabKesari
शिव ने शनि को नियुक्ति किया दण्डाधिकारी
एक बार शनिदेव और भगवान शिव के बीच युद्ध भी हुआ। भयानक युद्ध के बाद भगवान शिव ने शनि को परास्त कर दिया था। बाद में सूर्यदेव की प्रार्थना पर भगवान शिव ने उन्हें माफ किया। शनि के रण कौशल से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपना सेवक और दण्डाधिकारी नियुक्ति कर लिया। इनकी दृष्टि से मनुष्य क्या देवता भी भयभीत रहते हैं।
Follow us on Instagram

ऐसे न करें शनि के दर्शन
कहेत हैं कि जब भी मंदिर में शनि की पूजा करें तो एक बात ध्यान जरूर रखें कि पूजा में कभी की शनिदेव की आंखों में आंखें डालकर नहीं देखना चाहिए बल्कि पैरों की तरफ देखना चाहिए। शनिदेव की आंखों को देखने से शनि संकट का खतरा बढ़ जाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News