Shani Pradosh Vrat: घर में बरकत लाने के लिए शनि प्रदोष की शाम इस स्थान पर जलाएं दीपक

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 03:31 PM (IST)

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Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत की शाम भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां पर दीपक जलाने से घर की खोई हुई बरकत पुन: लौटने लगती है। सकारात्मक ऊर्जा इस कदर अपना प्रभाव दिखाती है की कुछ दिनों में असर दिखने लगता है। पुराने निवेश लाभ देने लगते हैं, कर्जों से मुक्ति पाने के मार्ग प्रशस्त होते हैं, प्रेम विवाह में आ रही दिक्कते समाप्त होती हैं। कारोबार में चल रही गिरावट एकदम से ऊपर उठती है। इसके अतिरिक्त आपकी जो भी समस्याएं हैं, उनका जड़ से नाश हो जाता है।

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प्रदोष व्रत की सुबह का आरंभ भगवान सूर्य नारायण के दर्शनों से करें। प्रातः काल सूर्यदेव का विधिवत पूजन करें। घी में रोली मिलाकर दीप करें, अगरबत्ती से धूप करें, लाल चंदन चढ़ाएं। लाल कनेर के फूल चढ़ाएं। अनार का फलाहार चढ़ाएं। गेहूं व गुड़ के हलवे का भोग लगाएं तथा लाल चंदन की माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन उपरांत फलाहार व भोग लाल गाय को खिलाएं।
पूजा मंत्र: ह्रीं आदित्याय मित्राय नमः॥

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शाम के समय शिवलिंग का पंचोपचार पूजन करें। चमेली के तेल का दीपक करें, गूगल धूप करें, लाल फूल चढ़ाएं, सिंदूर चढ़ाएं, गुड़ का भोग लगाएं व लाल चंदन की माला से यह विशिष्ट मंत्र जपें। गुड़ प्रसाद स्वरूप बांट दें। प्रदोष व्रत के दिन संध्या बेला में शिवलिंग पर दीपदान करने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है। जीवनसाथी की समृद्धि का वर मिलता है। ऐश्वर्यवान जीवन प्राप्त होता है व दांपत्य सुख में वृद्धि होती है।
पूजा मंत्र: क्लीं कीर्तिसागराय नमः शिवाय॥

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शनि ग्रह को शांत करने के लिए हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहिए। हनुमान की के चित्र अथवा प्रतिमा पर तिल के तेल का दीपक जलाएं तत्पश्चात शनि मंदिर में कड़वे तेल का दीपदान करें।

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शास्त्रों में मां लक्ष्मी को केवल धन की देवी ही नहीं माना जाता बल्कि उन्हें यौवन, भाग्य, वैभव, राजसी सत्ता की देवी भी माना जाता है इसलिए अपने जीवन में इन सभी चीजों की प्राप्ति के लिए घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

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Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 24 मई की सुबह 07 बजकर 20 मिनट और समापन 25 मई की दोपहर 03 बजकर 51 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार 24 मई को प्रदोष व्रत किया जाएगा।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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