Shani Margi: शनि चलेंगे अब सीधी चाल, कई राशियों के कष्ट होंगे कम !
punjabkesari.in Monday, Oct 10, 2022 - 07:50 AM (IST)

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Shani Margi 2022: शनि देव 23 अक्टूबर धनतेरस के दिन से मार्गी होने जा रहे हैं यानी सीधी चाल चलने वाले हैं। हमारे ज्योतिष में और नवग्रहों में शनि देव को एक प्रमुख स्थान हासिल है। इन्हें न्याय का देवता और कर्म का कारक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शनि देव जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे रंक से राजा बना देते हैं और जिन पर उनकी क्रूर दृष्टि पड़ती है, उस व्यक्ति की मुसीबतें बढ़ जाती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि हमारे इसी जीवन में शनि हमारे कर्मों के मुताबिक हमें फल देते हैं।
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Shani Margi October 2022: जन्म कुंडली में शनि की शुभ स्थिति जहां लाभ प्रदान करती है, वहीं अशुभ स्थिति जीवन में दिक्कत, परेशानी और आर्थिक संकटों का कारण भी बनती है। यही कारण है कि शनि देव को हर कोई शांत रखना चाहता है और हर कोई शनि की कृपा पाने को लालायित रहता है। शनिदेव अपनी साढ़ेसाती, ढैय्या और अपनी महादशा व अंर्तदशा में व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करने वाले देवता के रूप में जाने जाते हैं।
Saturn Margi 2022: शनिदेव तुला राशि में उच्च के और मेष राशि में नीच के ग्रह माने जाते हैं। बुध और शुक्र ग्रह के साथ इनकी मित्रता है जबकि सूर्य, चंद्रमा और मंगल ग्रह इनके शत्रु माने जाते हैं। शनिदेव पुष्य, अनुराधा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी हैं। शनि एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने के लिए लगभग ढाई वर्षों का समय लगाते हैं। यह सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलते हैं, इस कारण से इनका प्रभाव ज्यादा समय तक रहता है। शनि का गोचर काल 30 वर्षों का होता है। यह एक राशि में अढ़ाई साल तक रहते हैं। इनकी महादशा 19 साल तक चलती है।
Shani margi kab honge 2022: शनिदेव इस साल 12 जुलाई को मकर राशि में वक्री हुए थे। यानी 12 जुलाई से अब तक शनिदेव मकर राशि में उल्टी चाल से चल रहे हैं। अब शनिदेव 23 अक्तूबर को धनतेरस के दिन मार्गी होने जा रहे हैं। शनि के मार्गी होने का अर्थ है कि अब शनि सीधी चाल से चलेंगे। मौजूदा समय में 5 राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है। धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो वहीं मिथुन और तुला राशि के लोगों पर ढैय्या चल रही है।
Shani margi effects: वैदिक ज्योतिष के अनुसार जब शनिदेव किसी राशि में उल्टी चाल से चलते हैं तो जिन राशियों के ऊपर साढ़ेसाती और ढैय्या होती है उन्हें कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। इन लोगों को लगातार कार्यों में असफलताएं प्राप्त होती हैं। नौकरी में तनाव और व्यापार में हानि का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बीमारियां भी पीछे लगी होती हैं। ऐसे में जब 23 अक्तूबर को शनि मकर राशि में सीधी चाल से चलने लगेंगे तो मिथुन राशि, तुला राशि, धनु राशि, मकर राशि और कुंभ राशि के जातकों के कष्ट कम होने लगेंगे। काम में आ रही रूकावटें खत्म होंगी। नौकरी में अच्छे प्रस्ताव आने शुरू हो जाएंगे। व्यापार से अच्छा मुनाफा मिलने लगेगा। मान-सम्मान में वृद्धि और बीमारियों से मुक्ति मिलेगी।
शनिदेव के सीधी चाल चलने से जहां पांच राशि वालों के कष्ट कम होंगे और उन्हें बहुत राहत मिलेगी तो वहीं शनि के सीधी चाल चलने से कुछ राशियों की जिंदगी में उथल-पुथल भी होगी।
इनमें सबसे पहले तो कर्क राशि वालों को थोड़ा सचेत रहना होगा। कर्क राशि वालों को धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शनिदेव कर्क राशि के सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी है। शनि के मार्गी होने से आपके दांपत्य जीवन में कुछ खटास आ सकती है। संपत्ति से जुड़े मामले में हानि होने के योग हैं।
कन्या राशि वालों को भी सावधान रहना होगा क्योंकि शनि के मार्गी होने पर कन्या राशि वालों को कुछ कष्ट उठाने पड़ सकते हैं। कन्या राशि के पंचव और छठे भाव के स्वामी शनि देव हैं। इस दौरान समय कठिन हो सकता है। नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
धनु राशि वालों के लिए भी शनि का मार्गी होना कुछ ज्यादा अच्छी खबर लेकर नहीं आ रहा है। शनि देव के मार्गी होने से धनु राशिवालों को कष्ट होगा। धनु राशि के दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी शनि है। इस दौरान पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अस्पताल के चक्कर भी लगाने पड़ सकते हैं। पैसे खर्च होंगे।
शनिदेव की कृपा हासिल करने के लिए हमें क्या करना चाहिए। किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करें। अपनी नाभि पर सरसों का तेल लगाएं और पीपल के पेड़ पर मंगलवार और शनिवार की शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। गरीबों को अनाज, काला कंबल आदि का दान कर सकते हैं।
गुरमीत बेदी
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