Sawan somwar vrat: आप भी रख रहे हैं सावन सोमवार व्रत, शास्त्रों में बताए गए इन Rules को करें Follow
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 02:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Sawan somvar vrat 2025: सावन सोमवार व्रत अत्यंत पवित्र और भगवान शिव की कृपा प्राप्ति का विशेष साधन है। इस व्रत के दौरान कुछ नियमों और सावधानियों का पालन करना अति आवश्यक होता है, जिससे व्रत सफल और फलदायी बन सके। शास्त्रों और धार्मिक परंपराओं के अनुसार सावन सोमवार व्रत में जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आईए वे जानते हैं:
ब्रह्मचर्य का पालन करें।
व्रत के दिन संयमित जीवनशैली अपनाएं।
पति-पत्नी को इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।
मानसिक और शारीरिक पवित्रता बनाए रखें।
व्रत में सात्विकता और संयम बनाए रखें
व्रत में नमक, अनाज, प्याज, लहसुन, और मांसाहार का त्याग करें।
सिर्फ फलाहार या निर्जल व्रत करें (शक्ति अनुसार)।
झूठ बोलना, गाली देना, क्रोध करना, निंदा करना वर्जित है।
पूजा सामग्री का शुद्ध होना आवश्यक है।
भगवान शिव को बासी फूल, टूटे बिल्वपत्र, अशुद्ध जल आदि कभी अर्पित न करें।
बिल्वपत्र हमेशा ताजे और तीन पत्तियों वाले हों, और उल्टे न लगाएं।
सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लें
स्नान करते समय गंगाजल का उपयोग करें तो उत्तम।
स्वच्छ वस्त्र धारण कर शुद्ध भाव से शिवलिंग का पूजन करें।
ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें
जितना हो सके, दिनभर भगवान शिव के नाम का स्मरण करें।
कम से कम 108 बार जाप अवश्य करें।
इन बातों से बचें:
किसी की निंदा करने या अपशब्द बोलने से पुण्य नष्ट होता है।
बाल कटवाना या नाखून काटना अशुभ माना जाता है।
बासी या गरिष्ठ भोजन से शरीर व मन की शुद्धता प्रभावित होती है।
मंदिर में चप्पल या चमड़े की वस्तु ले जाना अपवित्र माना जाता है
जल को व्यर्थ बहाना पाप है। जल भगवान शिव का प्रतीक है।
व्रत के दिन शिव कथा सुनें या पढ़ें
शिव व्रत कथा सुनने से व्रत पूर्ण माना जाता है। यह कथा प्रेरणा देती है और व्रत की महिमा को प्रकट करती है।
संध्या पूजन के बाद ही व्रत खोलें
संध्या समय पुनः पूजा करें और फिर व्रत खोलें। अगर संभव हो तो रात्रि को शिव जी की आरती करके ही अन्न ग्रहण करें।
मानसिक रूप से श्रद्धा और विश्वास रखें।
शिव भक्ति में भाव ही सबसे बड़ा होता है।
केवल दिखावे या सामाजिक रीति के लिए व्रत न करें।
व्रत का उद्यापन अवश्य करें
यदि आपने सावन के सभी सोमवारों का व्रत किया है, तो अंतिम सोमवार को शिव-पार्वती और शिव परिवार की विशेष पूजा करके व्रत का समापन (उद्यापन) करें। ब्राह्मण भोजन और दान-दक्षिणा देना अत्यंत पुण्यदायक होता है।