Sawan: सावन में इस दिन सूर्य पूजा करने से बढ़ेगी घर-परिवार की सुख-समृद्धि

punjabkesari.in Sunday, Jul 30, 2023 - 11:56 AM (IST)

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Sawan 2023: सावन महीने में भगवान शिव की पूजा ही नहीं सूर्य पूजा करने का भी विधान ग्रंथों में बताया गया है। भगवान सूर्य के लिए व्रत और पूजा से परेशानियां दूर होने की मान्यता है। सावन में ‘पर्जन्य’ नामक भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान है। ऐसा करने से बीमारियां और परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही उम्र भी बढ़ती है। पुराणों में यह भी कहा गया है कि सावन महीने के रविवार को सूर्य पूजा और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन में सूर्य पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है, इसलिए उगते हुए सूरज को अर्घ्य अर्पित करने का विधान ग्रंथों में बताया गया है।

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स्कंद पुराण में बताया है कि सावन महीने में की गई सूर्य पूजा बीमारियां दूर करती है। शिव पुराण का कहना है कि सावन के रविवार को सूर्य पूजा विशेष फलदायी होती है। इस दिन की गई शिव पूजा पाप नाशक भी होती है। शिवपुराण में सूर्य को भगवान शिव का नेत्र भी बताया गया है। भगवान सूर्य और शिवजी की उपासना से सुख, अच्छी सेहत, काल भय से मुक्ति और शांति मिलती है।

Special yoga is being made for Surya Puja बन रहा है सूर्य पूजा के लिए विशेष योग
इस सावन में सूर्य पूजा के लिए 20 अगस्त, रविवार को हस्त और अमृतसिद्धि योग बन रहा है। इस संयोग के साथ सूर्य अपनी ही राशि में रहेगा। इस कारण यह दिन सूर्य पूजा के लिए बहुत विशेष है।

Sesame bath तिल स्नान
रविवार को पानी में तिल और गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए। ऐसा करने से तीर्थ स्नान करने जितना पुण्य मिलता है और जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म होते हैं। इस तरह पवित्र स्नान करने के बाद सूर्य पूजा करनी चाहिए। पुराणों में सावन मास के लिए कहा गया है कि इस महीने ‘पर्जन्य’ रूप में सूर्य, बारिश करवाते हैं, ताकि पूरे साल धरती के जीवों को पानी मिलता रहे। सूर्य पूजा के बाद भगवान शिवजी की पूजा करनी चाहिए। शिव पुराण का कहना है कि सावन महीने के रविवार को की गई शिव पूजा पाप नाशक होती है।

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इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाकर दूध से अभिषेक करें। फिर जनेऊ, मदार के फूल, धतूरा, बिल्वपत्र और भस्म चढ़ाएं। पूजा के बाद आखिर में मौसमी फल और मिठाई का नैवेद्य लगाकर आरती करें। फिर प्रसाद लें और दूसरों को भी बांटे। शिवलिंग के पास तिल के तेल का दीपक जलाने से रोग और दोषों से छुटकारा मिलने लगता है।

Surya Puja Vidhi सूर्य पूजा की विधि
सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करें। ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर नहाएं।
भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें और चावल, फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
जल चढ़ाते समय सूर्य के वरुण रूप को प्रणाम करते हुए ॐ रवये नमः  मंत्र का जाप करें। इस जाप के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करनी चाहिए।
इस प्रकार जल चढ़ाने के बाद धूप, दीप से सूर्य देव का पूजन करें।
सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, लाल चंदन का दान करें।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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