Anusuiya Jayanti 2022: सती अनुसूइया ने त्रिदेवों को बनाया 6 मास के शिशु
punjabkesari.in Wednesday, Apr 20, 2022 - 07:48 AM (IST)
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Sati Anusuiya Jayanti: आज सती अनुसूइया जयंती है। भारत वर्ष की सती-साध्वी नारियों में अनुसूइया जी का स्थान बहुत ऊंचा है। इनका जन्म अत्यंत उच्च कुल में हुआ था। ब्रह्मा जी के मानस पुत्र परम तपस्वी महर्षि अत्रि को इन्होंने पति के रूप में प्राप्त किया था। अपनी सतत सेवा तथा प्रेम से इन्होंने महर्षि अत्रि के हृदय को जीत लिया था।
Sati ansuya kaun the: मार्कण्डेय पुराण, श्रीमद्भागवत व महाभारत के सभापर्व के अनुसार, कालांतर में त्रिदेवियों सरस्वती, लक्ष्मी व पार्वती को अपने पतिव्रत्य पर अत्यंत गर्व हो गया। परमेश्वर ने त्रिदेवियों का अहंकार नष्ट करने हेतु लीला रची।
Sati Anasuya Story: भगवान को अपने भक्तों का यश बढ़ाना होता है तो वह नाना प्रकार की लीलाएं करते हैं। लीलानुसार एक दिन देवऋषि नारद ने त्रिदेवियों को जाकर कहा कि माता अनुसूइया के सामने आपका सतीत्व फीका है। त्रिदेवियों ने त्रिदेवों को अनुसूइया के पतिव्रत्य की परीक्षा लेने को कहा। तब ब्रह्मा, विष्णु व महेश साधु रूप में महर्षि अत्रि की अनुपस्थिति में उनके आश्रम गए। त्रिदेवों ने देवी अनुसूइया से निर्वस्त्र होकर भिक्षा देने को कहा। साधुओं का अपमान न हो इस डर से घबराई अनुसूइया ने पति का स्मरण कर कहा कि यदि मेरा पतिव्रत्य धर्म सत्य है तो ये तीनों साधु 6 मास के शिशु हो जाएं।
इस पर त्रिदेव शिशु बनकर रोने लगे। तब अनुसूइया ने माता बनकर त्रिदेवों को स्तनपान कराया। जब त्रिदेव अपने स्थान पर नहीं लौटे तो त्रिदेवियां व्याकुल हो गईं। तब नारद ने त्रिदेवियों को सारी बात बताई। त्रिदेवियां ने अनुसूइया से क्षमा याचना की। तब अनुसूइया ने त्रिदेव को अपने पूर्व रूप में ला दिया। प्रसन्नचित्त त्रिदेवों ने देवी अनुसूइया को उनके गर्भ से पुत्र रूप में जन्म लेने का वरदान दिया। तब ब्रह्मा अंश से चंद्र, शंकर अंश से दुर्वासा व विष्णु अंश से दत्तात्रेय का जन्म हुआ।