Sant Eknath Maharaj Story : एक पैसे से शुरू हुआ वैराग्य, करुणा पर खत्म हुई कहानी, संत एकनाथ की अनमोल सीख

punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 03:36 PM (IST)

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Sant Eknath Maharaj Story :  संत एकनाथ बाल्यावस्था में ही अपने गुरु के पास पहुंच गए थे। गुरु ने उन्हें आश्रम के हिसाब-किताब का काम सौंप दिया। एक दिन जब एकनाथ ने हिसाब किया तो एक पैसे की कमी नजर आई। खूब सोचने के बाद आखिरकार उन्हें आधी रात को एक पैसे का हिसाब मिल गया तो उन्होंने उसी समय अपने गुरु जी को जाकर यह बात बताई।

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इस पर गुरु हंसे फिर बोले, ‘‘बेटा ! एक पैसे की भूल मिलने से तुम इतने प्रसन्न हो और इस संसार के मायाजाल जैसी महाभूल को अपनाए हुए हो। इस पर कभी सोचा है ?’’

यह सुनते ही एकनाथ जी के भीतर वैराग्य जागा और दुनिया के कामकाज से उनका मोहभंग हो गया। उन्होंने उसी समय सब कुछ छोड़ देने का फैसला किया। वह अपने गुरु से दीक्षा लेकर पर्वत पर जाकर तपस्या करने लगे। तपस्या के बाद वह अपनी जन्मभूमि के निकट रहने लगे। पर थोड़े ही समय बाद वह विवाह कर गृह संन्यासी बन गए। एकनाथ ने गुरु के आदेश का पालन किया। विवाह के बाद उनके घर में नित्य कीर्तन होता और अन्न वितरण किया जाता। एक दिन कीर्तन में कुछ चोर आ गए। उन्होंने घर का सभी सामान समेट लिया। फिर उन्होंने देवमूर्ति के आभूषण चुराने का प्रयास किया।

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वहीं एकनाथ ध्यानमग्न बैठे थे। उन्होंने चोरों से कहा, ‘‘तुम्हें इनकी बहुत अधिक आवश्यकता होगी अन्यथा इतनी रात गए भला कोई जोखिम क्यों उठाता ?

 चिंता मत करो। मुझसे जो मदद होगी, मैं करूंगा।”

यह कहते हुए उन्होंने अपनी उंगली की अंगूठी भी उतार कर उन्हें दे दी। यह देख चोर लज्जित हुए। वे संत के चरणों में गिर गए और उन्होंने कभी चोरी न करने का संकल्प लिया। 

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Content Editor

Prachi Sharma

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