Sakat Chauth Vrat: हर संकट की काट है सकट चौथ व्रत, गणेश जी करेंगे कृपा
punjabkesari.in Thursday, Jan 16, 2025 - 02:49 PM (IST)
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Sakat Chauth Vrat 2025: सकट चौथ के व्रत को वक्रतुंडी चतुर्थी, माघी चौथ और तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है। जिस कामना से कोई सकट चौथ व्रत को करता है, उसकी वह कामना अवश्य ही पूरी हो जाती है तथा जितने तिल कोई इस व्रत में दान करता है, उतने युगों तक जीव को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। परिवार की सुख-शांति, धन-संपत्ति, मंगलमय भविष्य तथा बच्चों की अच्छी सेहत एवं उनकी कुशाग्र बुद्धि की कामना से भी यह व्रत अति उत्तम है।
हमारे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री गणेश जी सभी प्रकार के विघ्नों को हरने वाले तथा सभी कष्टों और संकटों से जीव को बचाने वाले हैं इसीलिए इनका नाम प्रत्येक शुभ कार्य शुरू करने से पहले लिया जाता है, जिस दिन भगवान श्री गणेश जी का जन्म हुआ, उस दिन चतुर्थी तिथि थी इसीलिए उस दिन को संकट चौथ दिवस के रूप में मनाया जाता है, लोग इस दिन संकट चौथ का व्रत करके भगवान श्री गणेश जी से मनवांछित फल पाते हैं।
श्रीगणेश जी सभी संकटों से जीव को उबारने वाले देवता हैं। वैसे तो गणेश चतुर्थी का व्रत किसी भी मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को किया जा सकता है परंतु माघ, श्रावण, मार्गशीर्ष और भाद्रपद मास में इसका विशेष महात्म्य है।
How to observe Sakat Chauth fast कैसे करें सकट चौथ व्रत ?
सकट चतुर्थी व्रत करने से पूर्व मन में व्रत करने का संकल्प करना चाहिए व प्रात: स्नान आदि नित्य क्रियाएं करके भगवान श्री गणेश जी का विधिवत धूप, दीप, गंध, पुष्प, अक्षत आदि नैवेद्य, फल एवं फूलों से पूजन करें तथा भगवान श्री गणेश जी को लड्डुओं का भोग लगाएं, फिर सभी को वह प्रसाद प्रसन्न मन से वितरित करें। श्री गणेश स्त्रोत का पाठ करें तथा सारा दिन प्रभु नाम का संकीर्तन करते हुए शाम को चांद निकलने पर उसे अर्घ्य देकर फलाहार करें।
There is significance of donating sesame seeds on Sakat Chauth सकट चौथ पर तिलों के दान का है महात्म्य
इस व्रत में तिलों की पूजा करने का विधान है। भगवान श्री गणेश जी को तिलों के खोए वाले लड्डुओं का भोग लगाया जाता है तथा तिलों की गच्चक, रेवड़ियां व तिल भुग्गा आदि का दान किया जाता है। कुछ लोग इस व्रत को भुग्गे वाला व्रत भी कहते हैं।
Traditions related to Sakat Chauth fast सकट चौथ व्रत से जुड़ी परम्पराएं
मान्यता है कि जैसे बच्चे के जन्म पर लोहड़ी उत्सव मनाया जाता है, वैसे ही बालक के जन्म अथवा लड़के का विवाह होने पर तिलों के लड्डुओं का थाल डालने की परंपरा पंजाब में प्रचलित है। लोग सवा किलो से सवाया वजन के तिल के लड्डुओं का भोग भगवान श्री गणेश जी को लगाते हैं तथा उनका वितरण करते हैं।
Benefits of Sakat Chauth सकट चौथ के लाभ
संतान को रोग, बाधा और संकट से मुक्ति मिलती है।
व्रती को सुख-समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
भगवान गणेश की कृपा से जीवन में आ रहे सभी विघ्न दूर होते हैं।
आप इस व्रत को पूरे श्रद्धा और नियम से करें, यह आपको और आपके परिवार को सुख और शांति प्रदान करेगा।