Kundli Tv- 100 वर्ष से भी पुराना है ये हनुमान मंदिर, जानें क्या है इसका इतिहास

punjabkesari.in Tuesday, Oct 23, 2018 - 04:15 PM (IST)

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हिंदू धर्म के लोगों को पता ही होगा कि हनुमान जी को भगवान शिव का रूद्र अवतार माना जाता है। यहीं कारण है कि हनुमान जी भी भगवान शिव की तरह इस धरती पर अपने भक्तों के कष्ट दूर करने के लिए सदैव रहेंगे। देश के कोने-कोने में इनके प्राचीन मंदिर स्थापित हैं, उन्हीं में से एक मध्यप्रदेश की भूमि पर स्थापित है। कहा जाता है कि ये मंदिर देशभर में अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में-
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भोपाल से 40 किमी दूर रायसेन जिले के ग्राम छिंद में हनुमान दादा जी लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मध्यप्रदेश में बजरंगबली का यह एेसा मंदिर जहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। यहां सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है और खासकर हर मंगलवार को यहां बड़ी संख्या में भक्त माथा टेकने आते हैं। मंदिर में हर मंगलार भंडारे का आयोजित किया जाता है। भंडारे के बाद यहां भजन संध्या होती है। लोग मनोकामनाएं पूरी होने पर पैदल ही यहां दादा यानि संकटमोचन हनुमान के दर्शनों लिए पहुंचते हैं। यहां चादर चढ़ाना, झंड़े चढ़ाना और चोला चढ़ाने का रिवाज़ बहुत पुराना है।
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पांच मंगलवार हाजरी लगाने से पूरी होती है मनोकामना
हनुमान दादा जी के इस दरबार में अमीर, गरीब, नेता हो या अभिनेता, सभी शीश नमाने आते हैं। यहां मंदिर परिसर में विशाल पीपल के पेड़ के नीचे दक्षिणमुखी दादाजी की प्रतिमा है। हर मंगलवार और शनिवार को दूर-दूर से श्रद्धालु छींद पहुंचते हैं। कहा जाता है कि पांच मंगलवार बिना नागा किए दादा के दरबार में हाजरी लगाने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है। बिगड़ी को बनाने वाले दादा का यह दरबार लगभग दो सौ साल पुराना बताया जाता है। मान्यता है कि काफी समय पहले श्री हनुमान जी के किसी अननय भक्त ने यहां साधना की थी। साधना से प्रसन्न दादाजी सदैव इस प्रतिमा में साक्षात निवास करते हैं। यहां आने वाले भक्तजनों का अनुभव है कि दादाजी अतिशीघ्र उनके कष्टों का निवारण करते हैं।
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Jyoti

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