Kundli Tv- जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति के लिए करें ये काम

punjabkesari.in Thursday, Jul 05, 2018 - 11:26 AM (IST)

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एक राजा ने कबीर से प्रार्थना की कि आप दया करके मुझे सांसारिक बंधनों से छुड़ा दो। कबीर ने कहा, ‘‘आप तो हर रोज पंडित जी से कथा करवाते हो, सुनते भी हो।’’ 

राजा बोला, ‘‘कथा तो पंडित जी रोज सुनाते हैं, विधि-विधान भी बतलाते हैं लेकिन अभी तक मुझे भगवान के दर्शन नहीं हुए। शांति भी नहीं मिल पा रही। समझ नहीं आता क्या करूं। बड़ी उम्मीदें लेकर आपकी शरण में आया हूं। आप ही कृपा करें।’’

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कबीर बोले, ‘‘ठीक है, आप चिंता न करें। मैं कल कथा के वक्त आ जाऊंगा। देखूंगा कि क्या किया जा सकता है।’’

अगले दिन कबीर वहां पहुंच गए जहां राजा पंडित से कथा सुन रहा था। राजा उठ कर श्रद्धा से खड़ा हो गया। कबीर बोले, ‘‘राजन! अगर आपको प्रभु के दर्शन करने हैं तो आपको मेरी हर आज्ञा का पालन करना पड़ेगा।’’ 

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राजा ने वजीर को हुक्म दिया कि कबीर जैसा कहें, वैसा ही करना। कबीर ने वजीर को कहा कि एक खम्भे के साथ राजा को बांध दो और दूसरे खम्भे के साथ पंडित जी को बांध दो। राजा ने तुरंत वजीर को इशारा किया कि आज्ञा का पालन हो। दोनों को दो खम्भों से बांध दिया गया। 

कबीर ने पंडित को कहा, ‘‘देखो, राजा साहब बंधे हुए हैं, उन्हें तुम खोल दो।’’ 

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पंडित हैरान हो कर बोला, ‘‘महाराज! मैं तो खुद ही बंधा हुआ हूं। मैं उन्हें कैसे खोल सकता हूं भला?’’ 

फिर कबीर ने राजा से कहा, ‘‘यह पंडित जी तुम्हारे पुरोहित हैं। वे बंधे हुए हैं। उन्हें तुम खोल दो।’’

राजा ने बड़ी दीनता से कहा, ‘‘महाराज! मैं भी बंधा हुआ हूं, भला उन्हें कैसे खोलूं?’ 

तब कबीर ने सबको समझाया कि जो पंडित खुद ही कर्मों के बंधन में फंसा है, जन्म-मरण के बंधन से छूटा नहीं, भला वह तुम्हें कैसे छुड़ा सकता है! अगर तुम सारे बंधनों से छूटना चाहते हो तो किसी ऐसे प्रभु के भक्त के पास जाओ जो जन्म-मरण के बंधनों से छूट चुका हो।

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Jyoti

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