जब गणेश जी ने सिखाया धन के देवता कुबेर को सबक, पढ़ें कथा
punjabkesari.in Friday, Oct 18, 2019 - 07:45 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक बार की बात है। कुबेर को अपने धन-वैभव पर बहुत अभिमान हो गया था। उन्होंने सोचा कि मेरे पास इतनी समृद्धि है, तो क्यों न मैं शंकर जी को अपने घर पर भोजन का न्यौता दूं और उन्हें अपना वैभव दिखाऊं। यह विचार लेकर कुबेर कैलाश पर्वत पर गए और वहां शंकर जी को भोजन पर पधारने का न्यौता दिया। शंकर जी को कुबेर के आने का उद्देश्य समझ आ गया था। वह समझ गए थे कि कुबेर भोजन के बहाने उन्हें अपना वैभव दिखाना चाहते हैं।
उन्होंने कुबेर से कहा, हम तो नहीं आ सकेंगे। आप इतने आदर से न्यौता देने आए हैं तो हम गणेश को भेज देंगे। शंकर जी और माता पार्वती ने गणेश जी से कुबेर के साथ जाने को कहा। गणेश जी सहज ही राजी हो गए। गणेश जी को भी ज्ञात हो गया था कि कुबेर ने उन्हें भोजन पर क्यों बुलाया है और गणेश जी उनका अभिमान तोडऩे की युक्ति में जुट गए। वे अपने साथ मूषक को भी ले गए।
कुबेर के महल में गणेश जी और उनके मूषक को भोजन परोसना शुरू किया गया। दिखावे के लिए सोने-चांदी के पात्रों में अति स्वादिष्ट पकवान परोसे गए। गणेश जी ने एक-एक कर उन्हें खाना शुरू किया, कुछ ही समय में सारे पकवान समाप्त हो गए। गणेश जी की भूख शांत होने का नाम ही नहीं ले रही थी। अब उन्होंने बर्तन खाने शुरू कर दिए। हीरे-मोती, जवाहरात सब खाने के बाद भी गणेश जी की भूख शांत नहीं हुई। कुबेर परेशान हो गए लेकिन उन्हें अपनी भूल का भी एहसास हो गया था। घबराकर वह शंकर जी के पास आए और हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए बोले, ‘‘मैं अपने कर्म से शर्मिंदा हूं और समझ गया हूं कि मेरा अभिमान आपके आगे कुछ नहीं।’’
तब कहीं जाकर गणेश लौटे लेकिन धन के देवता को सबक सिखाने में कामयाब रहे।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
Shukrawar Upay: कुंडली में शुक्र है कमजोर तो कर लें ये उपाय, कष्टों से मिलेगा छुटकारा
Bhalchandra Sankashti Chaturthi: आज मनाई जाएगी भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Rang Panchami: कब मनाया जाएगा रंग पंचमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर जयशंकर ने दिया कड़ा जवाब , कहा- भारत में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी