Religious story: सत्संग सुनने के बाद करें ये काम तभी बनेंगे सच्चे साधक
punjabkesari.in Wednesday, Nov 08, 2023 - 07:41 AM (IST)
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Religious story: एक संत ने अपने दो शिष्यों को दो डिब्बों में मूंग के दाने दिए और कहा, ‘‘ये मूंग हमारी अमानत हैं। ये सड़ें-गलें नहीं बल्कि बढ़ें-चढ़ें, यह ध्यान रखना। दो वर्ष बाद जब हम वापस आएंगे तो इन्हें ले लेंगे।’’
यह कहकर संत तीर्थयात्रा के लिए चले गए। इधर एक शिष्य ने मूंग के डिब्बे को पूजा के स्थान पर रखा और रोज उसकी पूजा करने लगा। दूसरे शिष्य ने मूंग के दानों को खेत में बो दिया। इस तरह दो साल में उसके पास बहुत मूंग जमा हो गए। दो साल बाद संत वापस आए और पहले शिष्य से अमानत वापस मांगी तो वह अपने घर से डिब्बा उठा लाया और संत को थमाते हुए कहा, ‘‘गुरुजी, आपकी अमानत को मैंने अपने प्राणों की तरह संभाला है।’
संत बोले, अच्छा, जरा देखूं तो सही कि क्या हाल है। संत ने ढक्कन खोलकर देखा तो मूंग में कीड़े लगे पड़े थे। संत ने शिष्य को मूंग दिखाते हुए कहा, ‘‘क्यों बेटा, इन्हीं कीड़ों की पूजा अर्चना करते रहे इतने समय तक।’’ शिष्य बेचारा शर्म से सिर झुकाए चुपचाप खड़ा रहा।
इतने में संत ने दूसरे शिष्य को बुलवाकर उससे कहा, ‘‘अब तुम भी हमारी अमानत लाओ।’’
थोड़ी देर में दूसरा शिष्य मूंग लादकर आया और संत के सामने रखकर हाथ जोड़कर बोला, ‘‘गुरु जी, यह रही आपकी अमानत।’’
संत बहुत प्रसन्न हुए और उसे आशीर्वाद देते हुए बोले, ‘‘बेटा, तुम्हारी परीक्षा के लिए मैंने यह सब किया था। मैं तुम्हें वर्षों से जो सत्संग सुना रहा हूं, उसको यदि तुम आचरण में नहीं लाओगे तो उसका भी हाल इन मूंग जैसा हो जाएगा। यदि सुने हुए सत्संग का मनन करोगे, खुद गोता मारोगे और दूसरों को भी यह अमृत बांटोगे तो उसका फल कई गुना मिलेगा।’’