Kundli Tv- जानें, ये साधारण स्थान कैसे बना तीर्थ

punjabkesari.in Monday, Jun 25, 2018 - 12:24 PM (IST)

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वैराग्य, योग त्याग और तप को आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना गया है। ऋषि-मुनियों, पीर-पैगम्बरों और संतों-महापुरुषों की महानता इसी आधार पर होती आई है। अध्यात्म मार्ग सांसारिक आनंद को पीछे छोड़ प्रभु मिलन का मार्ग सहज बनाता है।

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अपने गुरुदेव परमहंस दयाल जी की आज्ञानुसार स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने आगरा में लगभग 13 वर्ष कठोर तप किया। मानव कल्याण हेतु भक्तों के आग्रह पर स्थायी रूप से नंगली (मेरठ) में बसे और यहीं परमधाम को पधारे। उनके परम उपासक संतों ने नंगली को नंगली तीर्थ के रूप में विकसित किया।

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सार शब्द मिशन के परमाध्यक्ष स्वामी धर्मानंद जी ने भी इसमें अपने असीम योगदान को आगे बढ़ाते हुए नंगली में ‘सार योग केंद्र व तपोवन’ का निर्माण करवाया। उनके अनुसार करीब चार एकड़ में फैले इस स्थान पर प्राकृतिक वातावरण तैयार किया गया है क्योंकि अध्यात्म प्रकृति से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है। प्राकृतिक वन और एकांत का भी गहरा संबंध है। एकांत इच्छाओं का दमन कर चित्त को एकाग्र करता है। इसी उद्देश्य से इस पवित्र धरती पर इसे विकसित किया गया है, जिसमें स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की आगरा तपोस्थली के वास्तविक पुराने भवन का निर्माण किया गया है।

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लाइट एंड साऊंड और लेजर शो यहां विशेष आकर्षण का केंद्र है, जिसके माध्यम से संगत को सद्गुरु के जीवन और लीलाओं पर आधारित फिल्में और अन्य धार्मिक कार्यक्रम दिखाकर अपनी संस्कृति से जोड़े रखने का प्रयास किया जा रहा है।

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इसके साथ ही मिशन द्वारा शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में पहले से ही मानव कल्याण के कार्य किए जा रहे हैं, जहां श्री स्वरूपानंद स्कूल ऑफ टैक्नोलॉजी के जरिए युवाओं को कम्प्यूटर शिक्षा देकर आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है और भविष्य में अपने सद्गुरु देव को समर्पित एक विशाल भवन के निर्माण की योजना है, जहां संतों के प्रवचन व अन्य धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ योगाभ्यास और लंगर इत्यादि की सुविधाएं एक ही छत के नीचे होंगी।

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Niyati Bhandari

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