Ramadan 2022 (21st april 2022): ये है आज का माह-ए-रमजान का समय

punjabkesari.in Thursday, Apr 21, 2022 - 08:46 AM (IST)

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Ramadan 2022: इंसानियत का पैगाम भी देता है रमजान

ये है आज का माह-ए-रमजान का समय
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रमजान की फजीलतें
इंसानियत का पैगाम देता है रमजान: माह-ए-रमजान रहमत व बरकत की बारिश का ऐसा महीना है, जिसमें हर तरफ इबादत का सिलसिला चलता है। रमजानुल मुबारक का महीना मुसलमान के लिए सबसे अफजल महीना है। यह महीना भाईचारे और इंसानियत का पैगाम भी देता है। रोजा सिर्फ दिन भर भूखा रहने का नाम नहीं बल्कि रोजा इंसान को इंसान से प्यार करना सिखाता है। रोजा गरीब भाइयों से मोहब्बत करने का जज्बा पैदा करता है। भीषण गर्मी और जिस्म को झुलसा देने वाली धूप के बावजूद रोजेदार अपनी इबादत में जुटे रहते हैं। उनकी इबादत के सामने मौसम की तल्खियां भी कोई असर नहीं डाल पाती हैं।  इस महीने में अच्छे अखलाक के साथ इबादत करनी चाहिए।

-मौलाना दाउद अमीनी

इस महीने होती है रहमतों की बारिश : 
रमजान का महीना बहुत ही मुकद्दस महीना है इस महीने जितना हो सके नमाज और अपने गुनाहों की तौबा करते रहे। रहमत और बरकत के नजरिए से रमजान के महीने को तीन हिस्सों (अशरों) में बांटा गया है। महीने के पहले 10 दिनों में अल्लाह अपने रोजेदार बंदों पर रहमतों की बारिश करता है। दूसरे अशरे में अल्लाह रोजेदारों के गुनाह माफ करता है और तीसरा अशरा दोजख की आग से निजात पाने की इबादत का जरिया बताया गया है। खुदा का हुक्म है कि रोजेदार अपनी हैसियत के अनुसार इस महीने में गरीब लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें। रमजान के तमाम रोजे फर्ज है,हर किसी बालिग मर्द औरत पर, बिना किसी उजर के रमजान का रोजा छोडऩा,पूरी जिंदगी भी अगर रोजा रखा जाए तो भी उसकी बराबरी नहीं हो सकती।

-जफर अहमद


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Content Writer

Niyati Bhandari

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