Radha Ashtami: राधा अष्टमी पर इन मंदिरों में होते हैं श्री जी के चरण दर्शन, 4 स्थानों का है विशेष महत्व

punjabkesari.in Thursday, Aug 28, 2025 - 03:59 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Radha Ashtami 2025: श्री राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण की आत्मा स्वरूपा, उनकी आद्य शक्ति (ह्लादिनी शक्ति) और सर्वोच्च भक्ति स्वरूप मानी जाती हैं। वे भक्ति की पराकाष्ठा और अनन्य प्रेम की प्रतिमूर्ति हैं। श्रीमद्भागवत और गौड़ीय परंपरा में राधा को भगवान कृष्ण का अध्यात्मिक स्वरूप कहा गया है। कृष्ण पौरुष और राधा शक्ति हैं। उन्हें भक्तों की आराध्य देवी और भक्ति की जननी भी कहा जाता है।

Radha Ashtami
राधा अष्टमी के दिन यदि कोई भक्त बरसाना (राधा रानी की जन्मभूमि) जाता है तो केवल श्रीजी मंदिर (लाड़ली जी मंदिर) ही नहीं बल्कि  उसके अतिरिक्त कई दिव्य स्थल हैं, जहां दर्शन और भ्रमण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। श्रीजी मंदिर, राधा कुंड, पिला पोखर और मढ़न मोहन पर्वत– ये चार स्थल राधा अष्टमी पर विशेष रूप से अवश्य देखने चाहिए। राधा अष्टमी पर बरसाना की यात्रा केवल दर्शन नहीं, बल्कि ब्रज रस का अनुभव है।

Radha Ashtami
श्रीजी मंदिर (लाडली जी मंदिर)- यह बरसाना का मुख्य मंदिर है, जहां राधा रानी विराजमान हैं। राधा अष्टमी के दिन यहीं चरण दर्शन होते हैं। यहां मंगला आरती से लेकर महाआरती तक विशेष श्रृंगार, भोग और संकीर्तन होते हैं।

PunjabKesari Radha Ashtami

राधा कुंड- बरसाना से कुछ दूरी पर स्थित यह राधारानी का प्रियतम तीर्थ है। कहा जाता है कि राधा जी ने स्वयं इस कुंड की रचना की थी। राधा अष्टमी पर राधा कुंड में स्नान करना और जल अर्पित करना अत्यंत पुण्यकारी है।

मढ़न मोहन पर्वत (मनगढ़)- बरसाना की ऊंचाई पर स्थित पर्वत, जहां राधा जी के खेल-लीला स्थान हैं। यहां से पूरे बरसाना का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। यह पर्वत भी राधा-कृष्ण की रास-लीलाओं का साक्षी रहा है।

श्री राधा रस बिहारी मंदिर- बरसाना में ही स्थित, यहां भक्त संकीर्तन और हरिनाम जप करते हैं। राधा अष्टमी पर यहां भी विशेष कीर्तन और भोग महोत्सव होता है।

पिला पोखर- यह एक सरोवर है जहां राधा जी और सखियां खेल करती थी। राधा अष्टमी पर यहां स्नान और दर्शन को अत्यंत शुभ माना गया है।

मोर कुटी- बरसाना का एक प्रमुख स्थल जहां राधा-कृष्ण ने मोर लीला की थी। यहां का वातावरण भक्तों को ब्रज लीला की झलक देता है।

नंदगांव- (बरसाना के निकट) यहीं कृष्ण का बाल्यकाल बीता। राधा अष्टमी पर बरसाना आने वाले भक्त प्रायः नंदगांव जाकर नंद भवन के भी दर्शन करते हैं।

Radha Ashtami

राधा अष्टमी पर दर्शनों के लिए विशेष भ्रमण क्रम
सुबह –
श्रीजी मंदिर में मंगला आरती व चरण दर्शन।
पूर्वाह्न – पिला पोखर और मढ़न मोहन पर्वत।
दोपहर – राधा कुंड और श्याम कुंड स्नान-दर्शन।
शाम – मोरकुटी और नंदगांव दर्शन।
रात्रि – श्रीजी मंदिर में महाआरती और भोग प्रसाद। 

Radha Ashtami


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News