सोम प्रदोष व्रत पर इस बार बन रहे हैं ये 4 शुभ योग, पूजा से मिलेगा बेहद लाभ

punjabkesari.in Monday, Jul 11, 2022 - 09:25 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक एकादशी तिथि के ठीक अगले दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव जी को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिए शिव भक्तो के लिए प्रदोष व्रत का दिन बेहद शुभ माना जात है। बात करें 11 जुलाई को पड़ रहे सोम प्रदोष व्रत की तो इसे अन्य प्रदोष व्रतो के मुकाबले अधिक शुभमाना जा रहा है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस बार प्रदोष व्रत कोई 1 नहीं बल्कि एक साथ चार शुभ योग बन रहे हैं। तो वहीं बताया जा रहा है कि इस दिन से मां गौरी को समर्पित जया पार्वती व्रत भी आरंभ हो रहा है। बता दें आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशई तिथि से जया पार्वती व्रत का आरंभ होती है जो पूरे पांच दिनों तक चलता है। हालांकि अन्य ज्योतिष गणना के अनुसार ये व्रत 12 जुलाई से शुरु होगा। 
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अब बात करें 11 जुलाई के शुभ योगों को तो बताया जा रहा है प्रदोष व्रत के इस अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शुक्ल योग और ब्रह्म योग बन रहे हैं। इसके अलावा इस दिन अनुराधा नक्षत्र और ज्येष्ठा नक्षत्र भी लग रहा है। अतः ज्योतिष विशेषज्ञ के अनुसार इन सभी योग और नक्षत्रों के संयोग से 11 जुलाई का दिन मांगलिक कार्यों के लिए शुभ है। तो आइए जानते हैं कि सोम प्रदोष पर बने योग, जया पार्वती व्रत और पूजा मुहूर्त के बारे में- 

सोम प्रदोष और जया पार्वती व्रत की तिथि
आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ: 11 जुलाई, सोमवार, सुबह 11 बजकर 13 मिनट से
आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी तिथि का समापन: 12 जुलाई, मंगलवार, सुबह 07 बजकर 46 मिनट पर

सोम प्रदोष पर 4 शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 05:31 बजे से सुबह 07:50 बजे तक
शुक्ल योग: प्रात:काल से रात 09:02 बजे तक
ब्रह्म योग: रात 09:02 बजे से
रवि योग: 12 जुलाई, सुबह 05:15 बजे से सुबह 05:32 बजे तक
 

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अनुराधा नक्षत्र: 11 जुलाई, सुबह 07:50 बजे तक
ज्येष्ठा नक्षत्र: 12 जुलाई, सुबह 05:15 बजे तक

सोम प्रदोष पूजा मुहूर्त 2022
शिव पूजा का शुभ समय का प्रारंभ: शाम 07 बजकर 22 मिनट से
शिव पूजा का समापन समय: रात 09 बजकर 24 मिनट पर

जया पार्वती व्रत 2022 मुहूर्त
11 जुलाई को प्रात:काल में सर्वार्थ सिद्धि योग है, जो समस्त कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला है। ऐसे में जातक अगर सर्वार्थ सिद्धि योग में यह व्रत करे तो लाभ ही लाभ प्राप्त होगा।

सोम प्रदोष व्रत महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोम प्रदोष व्रत रखने और प्रदोष मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करने से जातक की सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। तो वहीं प्रदोष व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को रोग, दुख, ग्रह दोष आदि से भी छुटकारा मिलता है तथा जीवन में सुख, समृद्धि, धन व संपत्ति की प्राप्ति होती है। तो वहीं जया पार्वती व्रत करने व शिव जी की अर्धांगिनी की पूजा करने से मुख्य रूप से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जो अविवाहित लड़कियां ये व्रत करती हैं उन्हें अच्छे जीवनसाथी मिलता है। 

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सोम प्रदोष व्रत की पूजा विधि 
बता दें शिव पुराण आदि में किए वर्णन के अनुसार सोम प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक भगवान शिव की पूजा की जाती है। ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं इस दिन सुबह नहाकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके हल्के लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र धारण करके चांदी या तांबे के लोटे से शुद्ध शहद एक धारा के साथ शिवलिंग पर अर्पण करना चाहिए।


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Content Writer

Jyoti

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