Pradosh Vrat 2026 : 2026 का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
punjabkesari.in Sunday, Dec 28, 2025 - 03:55 PM (IST)
Pradosh Vrat 2026 : जैसे ही हम साल 2026 की दहलीज पर कदम रखेंगे, महादेव के भक्तों के लिए एक बहुत ही शुभ और पावन अवसर सामने खड़ा होगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल 2026 की शुरुआत ही प्रदोष व्रत जैसे अत्यंत फलदायी उपवास के साथ हो रही है। मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष काल में भगवान शिव की आराधना करने से न केवल जीवन के समस्त कष्टों का नाश होता है, बल्कि भक्त को सुख-समृद्धि और मानसिक शांति का वरदान भी मिलता है। चूंकि साल का यह पहला प्रदोष व्रत 1 जनवरी 2026 को पड़ रहा है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ गया है। नए साल के पहले ही दिन महादेव का द्वार खटखटाना और उनका आशीर्वाद लेना पूरे वर्ष को सकारात्मक ऊर्जा से भरने जैसा है। खास बात यह है कि इस दिन गुरुवार होने के कारण यह गुरु प्रदोष व्रत कहलाएगा, जो शत्रुओं पर विजय और सफलता प्राप्ति के लिए विशेष माना जाता है। तो आइए जानते हैं प्रदोष व्रत 2026 के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में-

गुरु प्रदोष 2026 शुभ मुहूर्त
पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 1 जनवरी को देर रात 01 बजकर 47 मिनट से हो जाएगी। इस पावन तिथि का समापन इसी दिन यानी 1 जनवरी की रात 10 बजकर 22 मिनट पर होगा। शास्त्रों में प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय यानी प्रदोष काल में करना सबसे लाभकारी माना गया है। 1 जनवरी को महादेव की आराधना के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05:35 बजे से शुरू होकर रात 08:19 बजे तक रहेगा। भक्तों के पास भगवान शिव का अभिषेक और पूजन करने के लिए लगभग 2 घंटे 44 मिनट का विशेष समय होगा।

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
यह व्रत शत्रुओं पर विजय पाने और जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए अचूक माना जाता है। गुरु प्रदोष का व्रत करने से भगवान शिव के साथ-साथ बृहस्पति देव की कृपा भी मिलती है, जिससे ज्ञान और धन में वृद्धि होती है। मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन निष्ठापूर्वक शिव की पूजा करता है, उसके जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
