Motivational Quotes: भीड़ में खो गया है आपका असली चेहरा? ओशो से जानें खुद को पाने का गुप्त रास्ता
punjabkesari.in Saturday, Dec 20, 2025 - 12:32 PM (IST)
Osho Motivational Quotes : आज की भागदौड़ भरी दुनिया में हम सब एक ऐसी दौड़ का हिस्सा हैं जिसका कोई अंत नहीं है। सुबह से रात तक हम वही करते हैं जो दूसरे कर रहे हैं, वही पहनते हैं जो चलन में है और वही सोचते हैं जो समाज हमें सोचने पर मजबूर करता है। इस प्रक्रिया में हम एक ऐसी भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं। जहां हमारी अपनी मौलिकता दम तोड़ देती है। महान विचारक ओशो ने बहुत पहले ही चेतावनी दी थी कि भीड़ में खो जाना सबसे आसान है, लेकिन खुद को बचाए रखना सबसे बड़ी चुनौती। तो आइए जानते हैं ओशो के उन विचारों को जो आपको भीड़ के शोर से निकालकर आपकी अपनी आत्मा से मिला सकते हैं।

भीड़ की सुरक्षा या आपकी पहचान
ओशो कहते थे कि इंसान भीड़ का हिस्सा इसलिए बनता है क्योंकि वहां उसे सुरक्षा महसूस होती है। जब आप दूसरों जैसे होते हैं, तो कोई आप पर सवाल नहीं उठाता। लेकिन इस सुरक्षा की कीमत बहुत बड़ी है। आपका अपना चेहरा। भीड़ में शामिल होने का मतलब है अपने व्यक्तित्व की बलि देना। ओशो के अनुसार, जो व्यक्ति अकेला चलने का साहस रखता है, वही वास्तव में जीवित है।

मुखौटों की दुनिया से बाहर निकलें
हम समाज में रहने के लिए कई मुखौटे पहन लेते हैं। एक मुखौटा दफ्तर के लिए, एक परिवार के लिए और एक दोस्तों के लिए। धीरे-धीरे हम खुद भूल जाते हैं कि इन मुखौटों के पीछे हमारा असली चेहरा कौन सा है। ओशो का गुप्त रास्ता सीधा और सरल है: मौन और ध्यान। जब आप शोर से हटकर कुछ पल मौन में बैठते हैं, तो सारे मुखौटे गिरने लगते हैं और आप अपनी वास्तविकता से रूबरू होते हैं।
दूसरों की नकल करना छोड़ें
ओशो का एक प्रसिद्ध विचार है परमात्मा ने आपको आप होने के लिए बनाया है, किसी और की फोटोकॉपी बनने के लिए नहीं।यदि आप बुद्ध, जीसस या किसी और की नकल कर रहे हैं, तो आप केवल एक दोयम दर्जे के इंसान बन रहे हैं। खुद को पाने का रास्ता किसी के पीछे चलने में नहीं, बल्कि अपना रास्ता खुद बनाने में है।
विद्रोह का मतलब बाहर की लड़ाई नहीं
ओशो के लिए विद्रोह का मतलब तलवार उठाना नहीं था। उनके लिए असली विद्रोही वह है जो समाज द्वारा थोपे गए विचारों, मान्यताओं और अंधविश्वासों को मानने से इनकार कर देता है। जिस दिन आप अपनी प्रज्ञा पर भरोसा करना शुरू कर देते हैं, उसी दिन भीड़ आपसे अलग हो जाती है और आप स्वतंत्र हो जाते हैं।

