जीवन के हर एक प्रश्न का उत्तर होता है केवल आपके पास, जानें कैसे

punjabkesari.in Tuesday, Feb 04, 2020 - 09:17 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक बार गौतम बुद्ध के पास मौलुंकपुत्र नाम का एक ब्राह्मण आया। उसके साथ उसके 500 शिष्य भी थे। वह बुद्ध से ढेरों सवाल पूछना चाहता था। बुद्ध ने उसे देखा और कहा, 'मौलुंकपुत्र, मैं तुम्हारे हर सवाल का जवाब दूंगा लेकिन मेरी एक शर्त है। मौलुंकपुत्र ने कहा, 'शर्त बताइए। बुद्ध बोले, 'शर्त यह है कि जवाब जानने के लिए तुम्हें एक वर्ष तक चुप रहना होगा। जब तुम्हारे अंदर का शोर बंद हो जाए तब तुम कुछ भी पूछना, मैं तुम्हारे सारे सवालों का जवाब दूंगा।
Follow us on Twitter
Follow us on Instagram
बुद्ध की यह बात सुनकर वहां मौजूद उनके शिष्य सारिपुत्र ठठाकर हंस पड़े। अचरज से मौलुंकपुत्र ने उनसे हंसने का कारण पूछा तो सारिपुत्र ने कहा, 'मैं भी ऐसे ही आया था। मेरे साथ तो 5000 शिष्य थे और मैं तुमसे भी बड़ा ब्राह्मण था। साल भर मैं चुप रहा और अंत में मेरे पास कोई सवाल ही नहीं बचा। इस पर बुद्ध ने मौलुंकपुत्र से कहा, 'मैं अपने वचन पर पक्का हूं। साल भर बाद जवाब जरूर दूंगा। एक साल बीता और मौलुंकपुत्र ध्यान में उतर गया। वह इतना मौन हो गया कि मन के अंदर की भी बातचीत खत्म हो गई।
PunjabKesari
साल के आखिरी दिन बुद्ध ने उससे सवाल पूछने को कहा। मौलुंकपुत्र हंसा और बोला, 'सारिपुत्र सही कहता था। अब मेरे पास पूछने को कुछ है ही नहीं। इस पर बुद्ध ने कहा, 'अगर हम मन में सच्चे नहीं हैं तो समस्याएं और प्रश्न होते हैं। यह सब हमारे झूठ से पैदा होते हैं, जैसे कि हमारे सपने हमारी नींद से पैदा होते हैं। मन की एक अवस्था में प्रश्न होते हैं और दूसरी में उत्तर। मन में जब प्रश्न होते हैं तो वह उत्तर नहीं ग्रहण करता है। मौन हमें मन की ऐसी अवस्था उपलब्ध करवाता है जहां उत्तर ही उत्तर होते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News