Harike Wetland: उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड, हरि-के-पत्तन के नाम से है मशहूर

punjabkesari.in Sunday, May 05, 2024 - 08:07 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Harike Wetland: पंजाब के तरनतारन जिले में गांव हरिके सतलुज नदी के उत्तरी तट पर स्थित है जो ब्यास नदी और सतलुज नदी के संगम के बहुत करीब है। यह अमृतसर से 94 कि.मी., जालंधर से 67 कि.मी., फिरोजपुर से 86 कि.मी., लुधियाना से 80 कि.मी. और मुक्तसर से 108 कि.मी. दूर स्थित है। इसे आमतौर पर ‘हरिके पत्तन’ के नाम से जाना जाता है। ‘पत्तन’ शब्द का अर्थ है जलधारा का किनारा और इस मामले में सतलुज नदी।

इस गांव को 1390 के दशक में जैसलमेर के राव जैसल के वंशज हरि राव ने बसाया था। पहले यह यात्रियों के लिए नदी पार करने का एक महत्वपूर्ण क्रॉसिंग प्वाइंट था। यहां तक कि सिख उपनाम ‘हरिका’ की उत्पत्ति भी हरि राव से हुई है। ‘हरिका’ जनजाति अधिकतर बरनाला, पटियाला और संगरूर जिलों में बसी हुई है।

PunjabKesari Harike Wetland

यह गांव गुरु अंगद देव जी की माता दया देवी का गांव भी है। सतलुज नदी के तट पर उनके ससुराल परिवार की याद में एक गुरुद्वारा है। 1515 में बाबर के हमले के कारण ‘मत्ते दी सराय’ से स्थानांतरित होने के बाद गुरु अंगद देव जी के परिवार को कुछ समय के लिए यहीं रहना और काम करना पड़ा।

गांव का एक बड़ा हिस्सा बाद में नदी में बह गया था। इस गांव की रणनीतिक स्थिति के कारण दिल्ली से लाहौर तक की शाही सड़क गांव के पास से होकर गुजरती थी जहां से नदी पार करना संभव था। ऐतिहासिक संकेतों के अनुसार, सिखों के छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब इस गांव से गुजरे थे और कुछ समय के लिए यहां डेरा डाला था। यह तीर्थ स्थल गांव के पुराने मुख्य मार्ग पर उनकी याद में बना है।

PunjabKesari Harike Wetland

यहां तक कि भाई महा सिंह और माता भाग कौर (मुक्तसर साहिब के 40 मुक्ता) के नेतृत्व में लगभग 200 मझैलों का एक जत्था भी इस गांव से होकर गुजरा और 1705 में फिदे खुर्द के माध्यम से रामयिआना पहुंचने के लिए नदी पार कर गया। नानकसर सम्प्रदाय का गुरुद्वारा इस नदी के तट पर गर्भगृह के पास है और कई भक्त अपने मृत परिवार के सदस्यों के लिए प्रार्थना करने के लिए यहां आते हैं।

विशाल जल स्रोत होने के कारण यह स्थान उत्तर भारत की सबसे बड़ी झीलों में से एक बन गया है। कठोरसर्दियों के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी साइबेरियाई क्षेत्र से यात्रा करते हैं और संरक्षित आर्द्रभूमि तथा इसके चारों ओर हरियाली के कारण इसे सुरक्षित आश्रय पाते हुए इस स्थान पर रुकते हैं। इस प्रकार यह एक पर्यटन स्थल बन गया है।

PunjabKesari Harike Wetland

हालांकि, इस दर्शनीय स्थल को अभी तक व्यावसायिक रूप से विकसित नहीं किया गया है। सुविधाओं और संसाधनों की निगरानी के लिए यहां एक वन्यजीव अभयारण्य सरकारी कार्यालय खोला गया है जिसमें रेंज अधिकारी और कर्मचारी तैनात हैं। दिन के दौरान आगंतुकों के लिए यहां पक्षी दर्शन, पिकनिक, जंगल ट्रैक, वैटलैंड ट्रेल्स, नौकायन, प्रकृति, जैव विविधता की सैर आदि जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।  इस स्थान को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए पर्याप्त आवास तथा भोजनालयों का बनना अभी बाकी है।

नदियों के किनारे होने के कारण यह स्थान एक बड़ा मछली बाजार भी है जहां कच्ची मछली और उसके व्यंजन प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। सरकार, स्थानीय लोग और निजी क्षेत्र पहल के साथ इस स्थान को विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कर सकते हैं।        
PunjabKesari Harike Wetland


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Recommended News

Related News