द्रौपदी मुर्मू के कार्यकाल में बढ़ेगी देश की ख्याति, कुंडली के राजयोगों ने पहुंचाया शिखर पर
punjabkesari.in Friday, Jul 22, 2022 - 12:07 PM (IST)

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द्रौपदी मुर्मू जी देश की 15वीं और आजादी के बाद आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली पहली राष्ट्रपति चुनी गई हैं और उनके ग्रहों ने ही ऐसा इतिहास रचा है। 25 साल पहले एक पार्षद से राजनीतिक सफर शुरू करके देश के सर्वोच्च पद तक पहुंच जाने के पीछे उनकी कुंडली में बने ग्रहों के कंबीनेशन की ही ताकत है। उनके राष्ट्रपति काल में कई मोर्चों पर देश की दुनिया में ख्याति बढ़ेगी।
एस्ट्रोलॉजर गुरमीत बेदी के अनुसार द्रौपदी मुरमू जी की कुंडली का जन्म 20 जून 1958 को अश्लेषा नक्षत्र में मीन लग्न व कर्क राशि में हुआ। लग्न में मंगल बैठे हैं और उन पर देव गुरु बृहस्पति की सीधी दृष्टि पड़ रही है जिससे समसप्तक योग का निर्माण हो रहा है और यह योग जीवन में संघर्ष के साथ-साथ चमत्कृत कर देने वाली सफलता भी देता है। उनकी कुंडली में चतुर्थ भाव में सूर्य व बुध एक साथ बैठकर बुधादित्य योग बना रहे हैं और सूर्य की सीधी दृष्टि कुंडली के दशम भाव में राजदरबार स्थान पर पड़ रही है , जहां पर देव गुरु बृहस्पति की धनु राशि है।
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कुंडली में पंचम भाव में चंद्रमा अपनी ही कर्क राशि में मजबूत स्थिति में बैठे हैं जबकि भाग्य स्थान पर शनि बैठे हैं। उनकी कुंडली में भद्र योग का निर्माण भी हो रहा है और राज योग भी बन रहा है। कुंडली में द्वितीय भाव में शुक्र व केतु बैठे हैं और उनकी दृष्टि अष्टम में बैठे राहु पर पड़ रही है। केतु आध्यात्मिक विचार भी देता है और शुक्र व राहु का बना कंबीनेशन जीवन में चमक दमक व चकाचौंध करने वाली सफलता भी देता है।
वर्तमान में द्रौपदी मुर्मू जी को मंगल की महादशा चल रही है जो 6 सितंबर 2016 को शुरू हुई थी और 7 सितंबर 2023 तक रहनी है। मंगल कुंडली में लग्न में बैठे हैं और यही वजह है कि राष्ट्रपति पद की रेस में कई धुरंधरों के नाम चर्चा में होने के बावजूद मंगल ने उन्हें देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचा दिया और उन्हें कई विरोधी दलों का समर्थन भी मिला। लग्न में बैठे मंगल को देव गुरु बृहस्पति देख रहे हैं, जिससे उनके मार्गदर्शन में देश कई मोर्चों पर अपनी पताका फहरायेगा। अपने कार्यकाल के दौरान वह देश दुनिया पर अपनी एक अलग छाप छोड़ने में कामयाब रहेंगी। लग्न में बैठे मंगल की वजह से उनके हर फैसले में उनकी मजबूत इच्छाशक्ति झलकती रहेगी और दुनिया का सबसे बड़े लोकतंत्र कहलवाने वाले भारत की ताकत बढ़ेंगी।
गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com