Netaji Subhash Chandra Bose Story: सुभाष चंद्र से जानें, पूजा-पाठ का वास्तविक मतलब

punjabkesari.in Sunday, Sep 08, 2024 - 07:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Netaji Subhash Chandra Bose: उन दिनों बंगाल में भारी बाढ़ आई हुई थी। गांव के गांव डूब गए थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस उस समय कॉलेज में पढ़ते थे। वह कुछ स्वयंसेवियों के साथ मिलकर बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री इकट्ठा करने में जुट गए।

वह दिन-रात इसमें लगे रहते और कभी-कभार आराम करते। एक दिन उनके पिता बोले, ‘बेटा, क्या आज भी बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए जा रहे हो ?’’

PunjabKesari  Netaji Subhash Chandra Bose

सुभाष बोले, ‘जी पिताजी, मेरा जाना आवश्यक है। मुझसे लोगों का दर्द बर्दाश्त नहीं होता। अभी कुछ और करने का समय नहीं है।” पिताजी बोले, ‘बेटा, मैं तुम्हारी बात से पूरी तरह सहमत हूं। तुम मानव सेवा अवश्य करो, लेकिन थोड़ा घर पर भी ध्यान दिया करो। अपने गांव में मां दुर्गा की विशाल पूजा का आयोजन किया जा रहा है। वहां और लोगों के साथ तुम्हारा रहना भी जरूरी है इसलिए तुम्हें मेरे साथ चलना होगा।’’

पिता जी की बात सुनकर सुभाष बोले, ‘‘क्षम कीजिए पिता जी, मैं आपके साथ नहीं चल सकता। आप सब गांव जाकर दुर्गा मां की पूजा करें।

PunjabKesari  Netaji Subhash Chandra Bose

“मैं दीन-दुखियों की पूजा करूंगा।  उनकी पूजा करके मुझे दुर्गा मां की पूजा का पुण्य मिल जाएगा। बेटे की बात सुनकर पिता का सिर गर्व से ऊंचा हो गया।

वह सुभाष को गले लगाते हुए बोले, ‘बेटा, सचमुच दुर्गा देवी की असली पूजा तो तुम ही कर रहे हो। इसके बाद वह उन्हें आशीर्वाद देकर अपने गांव के लिए चल पड़े।
 

PunjabKesari  Netaji Subhash Chandra Bose


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News