Nag panchami: आज इस विधि से करें पूजा और पढ़ें कथा, 7 पीढ़ियों की रक्षा करेंगे नाग देवता

punjabkesari.in Tuesday, Aug 02, 2022 - 07:37 AM (IST)

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Nag panchami 2022: सावन मास के कृष्ण एवं शुक्ल दोनों पक्षों की पंचमी को व्रत करने का विधान है। बंगाल और राजस्थान में कृष्ण पक्ष की पंचमी को और शुक्ल पक्ष की पंचमी का व्रत होगा। व्रत करने वाला प्राणी चतुर्थी यानि एक दिन पहले एक समय भोजन करे तथा अगले दिन उपवास रखे, गरुड़ पुराण के अनुसार व्रती अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर गोबर से फनियर नागों के चित्र बनाए तथा आटे अथवा मिट्टी के सांप बनाकर उन्हें विभिन्न रंगों से सजाए, उनका विधिवत सफेद कमल से पूजन करे। पंचम तिथि का स्वामी नाग माना जाता है इसलिए धूप, दीप, कच्चा दूध, खीर, भीगे हुए बाजरे घी व नेवैद्य आदि से नाग देवता का पूजन करे। गेंहू, भूने हुए चने और जौं का प्रसाद नागों को चढ़ाएं तथा आप भी इन्हीं चीजों का भोजन करें और प्रसाद के रूप में बांटे।

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Nag Panchami Puja Vidhi: ‘ओम कुरुकुल्ये हुं पट स्वाहा’ मंत्र का जाप और नाग स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। नागों को भोजन कराने के उद्देश्य से ब्राह्मणों और सन्यासियों को भोजन करवाएं। मंदिर में जाकर दूध से नागदेवता को स्नान कराए तथा सांपों के बिल के बाहर उन्हें मीठा दूध पिलाने के लिए रखें। संभव हो तो सपेरों को सांप के लिए दूध तथा पैसे भी दें।

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Nag Panchami 2022 Puja Vidhi and Shubh Muhurat नाग पंचमी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि का प्रारंभ 02 अगस्त को सुबह 05 बजकर 14 मिनट से होगा और इसका समापन 03 अगस्त को सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर होगा। नाग पंचमी की पूजा के लिए पूजा मुहूर्त है 02 अगस्त सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक। मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगी।

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Nag Panchami Katha पौराणिक कथा
मान्यता के अनुसार एक किसान के दो बेटे तथा एक पुत्री थी, एक दिन हल चलाते समय उसने सांप के 3 बच्चों को हल से रौंदकर मार डाला, नागिन बच्चों के दुख में बहुत दुखी हुई, उस ने बदला लेने के लिए रात को जाकर किसान की पत्नी और उसके दोनों बेटों को डस लिया तथा अगले दिन वह उसकी बेटी को डंसने गई तो किसान की बेटी ने उसे मीठा दूध पिलाया तथा अपने माता-पिता को माफ करने के लिए प्रार्थना की। नागमाता प्रसन्न हुई तथा उसने सभी को जीवन दान दिया। बेटी ने हर साल नागमंचमीं के दिन पूजा करने का वायदा किया। कहा जाता है कि जो नागदेवता की पंचमी को पूजा करता है उसकी सात पीढ़ियों की रक्षा नाग देवता करते हैं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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