Muni Shri Tarun Sagar: यही कारण है कि मनुष्य मर कर ऊपर जाता है...
punjabkesari.in Saturday, Nov 22, 2025 - 09:21 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
मरने से पहले मरना
जिंदा रहने के लिए भोजन जरूरी है, भोजन से भी ज्यादा पानी जरूरी है, पानी से भी ज्यादा वायु जरूरी है और वायु से भी ज्यादा आयु जरूरी है। मगर मरने के लिए कुछ भी जरूरी नहीं है। आदमी यूं ही बैठे-बैठे मर सकता है। आदमी केवल दिमाग की नस फटने और दिल की धड़कन रुकने से ही नहीं मरता, बल्कि उस दिन भी मर जाता है जिस दिन उसकी उम्मीदें और सपने मर जाते हैं, उसका विश्वास मर जाता है। इस तरह आदमी मरने से पहले भी मर जाता है और फिर मरा हुआ आदमी दोबारा थोड़े न मरता है।

धरती स्वर्ग कब बनेगी?
मैं तुमसे बदला लेने के लिए नहीं, बल्कि तुम्हें पूरी तरह से बदल देने के लिए आया हूं। मैं स्वर्ग का संदेश देने नहीं, बल्कि धरती को ही स्वर्ग बनाने आया हूं। धरती स्वर्ग कब बनेगी? जब हर दिल में श्रद्धा, हर आंख में प्रेम और हर जुबान से अमृत छलकेगा, तब धरती स्वर्ग बनेगी।

आचरण ऊंचा रखें
स्वर्ग जैसी खुशी के लिए थोड़ा कम खाया करो, इससे तन स्वस्थ रहता है, थोड़ा गम खाया करो, इससे मन स्वस्थ रहता है। थोड़ा नम जाया करो, इससे जीवन स्वस्थ रहता है।
स्वर्ग भूमि सुंदर है, पर उपजाऊ नहीं जबकि मानव भूमि की मिट्टी काली है मगर उपजाऊ है। मानव भूमि की काली मिट्टी में कोई रत्नत्रय के बीज डाल दे तो स्वर्ग मोक्ष की फसल लहलहा उठती है। देवता यद्यपि ऊंचे रहते हैं मगर उनके विचार बड़े छोटे होते हैं, इसलिए वे मरकर नीचे आते हैं जबकि मनुष्य नीचे रहता है लेकिन उसके विचार उच्च होते हैं। यही कारण है कि वह मरकर ऊपर जाता है। अगर मनुष्य अपने काम और आचरण ऊंचा न रखे तो फिर वह मरकर नीचे से भी नीचे जाता है।

