Muni Shri Tarun Sagar: पैसा कमाने में इतने मशगूल मत हो जाना कि बच्चे हाथ से निकल जाएं
punjabkesari.in Thursday, Apr 10, 2025 - 08:00 AM (IST)

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सुखी जीवन का राज
सुखी जीवन का राज है कि जो तुम्हारे पास है, उसका आनंद लो, जो नहीं है, उसके पीछे पागल मत बनो। बतौर उदाहरण-तुम्हारी जेब में 90 रुपए हैं तो उसका आनंद लो। 100 रुपए में जो 10 कम हैं इसका दुख मत करो। 100 करने के चक्कर में मत पड़ो क्योंकि 100 तो पूरे कभी होंगे नहीं, मगर यह हो सकता है कि जो 90 हैं, वे भी चले जाएं। सम्राट सिकंदर के भी पूरे 100 नहीं हुए तो फिर तुम किस खेत की मूली हो? तुम तो मूली भी बहुत ‘मामूली’ हो।
राजनीति का महत्व
मकानों में जिस प्रकार कई कमरों के साथ एक शौचालय भी होता है और शौचालय में जितना समय एक व्यक्ति देता है, इतना ही समय एक व्यक्ति को राजनीति में देना चाहिए। दरअसल जीवन में राजनीति का महत्व ‘शौचालय’ से ज्यादा कतई न होना चाहिए। कारण कि फ्रिज में ज्यादा देर तक रखा हुआ पानी बर्फ बन जाता है और रात-दिन राजनीति में रचा-पचा आदमी भी बेईमान हो जाता है।
बच्चे सबसे बड़ी सम्पत्ति
अगर आप मां-बाप हैं तो बच्चों के साथ आत्मीयता पैदा कीजिए। बच्चों से दूरियां नहीं होनी चाहिएं। अपने बच्चों के लिए थोड़ा समय जरूर निकालिए, उनके साथ बैठिए और बतियाइए क्योंकि आपकी सबसे बड़ी सम्पत्ति तो वही हैं। पैसा कमाने में इतने मशगूल मत हो जाना कि बच्चे हाथ से निकल जाएं। बच्चे बिगड़ गए तो फिर पैसा कमा कर भी क्या करोगे? बच्चे को बच्चा इसलिए कहते हैं क्योंकि उसे बचाना पड़ता है, वह स्वयं बचना नहीं जानता। उसे बुरी नजर और बुरी संगत से बचाइए, वरना कल तुम्हारा बड़ा बुरा होगा।
सोइए मत
अगर आप विद्यार्थी हैं तो मेरी एक नसीहत ध्यान में रखिए। दसवीं और बारहवीं कक्षा के इन सालों में सोइए मत। रात-दिन पढ़िए क्योंकि यही दो साल हैं जहां से करियर बनता है। यदि यह समय सोने में निकाल दिया तो फिर जिंदगी भर जागना ही जागना है। कारण, कि गधा-मजूरी करके जीवन गुजारना होगा और यदि इन सालों में जागकर कठोर परिश्रम करके अध्ययन में सफलता अर्जित कर ली, तो फिर जीवन भर आराम से सोना ही सोना है। कारण कि किसी अच्छे पद पर तुम्हारी नियुक्ति होगी और जिंदगी आराम से कट रही होगी।